भारत
दांव पर दो राज्यों की सरकार ; संसद में बढ़ी विपक्ष की ताकत
Jyoti Nirmalkar
11 Aug 2024 5:04 AM GMT
x
दिल्ली Delhi :नई लोकसभा में शपथ ग्रहण और राष्ट्रपति के अभिभाषण वाले पहले सत्र के बाद दूसरे अहम बजट सत्र में कामकाज ज्यादा बाधित नहीं हुआ, लेकिन विपक्ष ने अपनी ताकत का अहसास कराया। वहीं, सरकार ने पूरी कोशिश की कि आंकड़ों में कमी आने के बावजूद उसकी निरतंरता बरकरार है। अठारहवीं लोकसभा में विपक्ष की बढ़ी हुई ताकत का अंदाजा मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट सत्र में ही लग गया। दोनों सदनों में विपक्ष के तीखे तेवर और सरकार का अपेक्षात्मक नरम रुख से आंकड़ों के अंतर का असर साफ दिखाई दिया। इसका असर आने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है, जिसमें भाजपा और राजग की दो सरकारें दांव पर होंगी। इनमें एक अहम चुनाव जम्मू-कश्मीर का भी होगा, जिस पर देश-दुनिया की निगाहें रहेंगी। नई लोकसभा में शपथ ग्रहण और President राष्ट्रपति के अभिभाषण वाले पहले सत्र के बाद दूसरे अहम बजट सत्र में कामकाज ज्यादा बाधित नहीं हुआ, लेकिन विपक्ष ने अपनी ताकत का अहसास कराया। वहीं, सरकार ने पूरी कोशिश की कि आंकड़ों में कमी आने के बावजूद उसकी निरतंरता बरकरार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पहली बार लोकसभा को नेता विपक्ष मिला। इसने विपक्ष को ताकत दी और उसने इसका अहसास भी कराया।
दूसरी तरफ बहुमत से दूर भाजपा ने गठबंधन सरकार की मजबूती के लिए अपने दोनों बड़े साथियों जद (यू) और तेलुगुदेशम को राजनीति के साथ बजट के जरिए भी साधा। विपक्ष में खास बात यह रही कि इंडिया गठबंधन India Coalition की मजबूती तमाम अतंर्विरोधों के बावजूद बनी रही। कांग्रेस और सपा की नजदीकी और बढ़ी। गांधी और बच्चन परिवार भी नजदीक दिखे। राज्यसभा में सत्तापक्ष और सभपाति से टकराव के मुद्दे पर सपा सांसद जया बच्चन के साथ सोनिया गांधी भी खड़ी दिखीं। सोनिया इस बार राज्यसभा सदस्य हैं। इन राज्यों में सत्ता बरकरार रखना भाजपा के लिए चुनौती संसद के अगले सत्र के पहले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा में भाजपा की अपनी और महाराष्ट्र में वह गठबंधन सरकार में सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में उसके सामने दोनों सरकारों को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है। दोनों राज्यों में लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लग चुका है। यह भी संदेश गया है कि भाजपा अब पहले जैसी मजबूत नहीं है। चूंकि, राज्यों में लोकसभा चुनाव की तरह मोदी का चेहरा भी नहीं होगा, ऐसे में भाजपा को नए तरीके से रणनीति तैयार करनी पड़ेगी।
झारखंड और जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी अहम दूसरी तरफ विपक्षी दल गठबंधन में और अलग-अलग भी ज्यादा उत्साह से भरे होंगे। Jharkhand झारखंड में विपक्ष की गठबंधन सरकार है। वहां पर उसे बरकरार रखना भी उसके लिए चुनौती होगा। हालांकि, झामुमो नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी, रिहाई, मुख्यमंत्री पद छोड़ना, फिर से मुख्यमंत्री बनने जैसी घटनाएं वहां की राजनीति को प्रभावित करेंगी। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 समाप्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होगा। यह चुनाव वहां की स्थिरता के लिए काफी अहम होगा।
Tagsदांवराज्योंसरकारसंसदविपक्षखबरों के अपडेट के लिए जुड़े रहे जनता से रिश्ता पर | CREDIT NEWS: जनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Jyoti Nirmalkar
Next Story