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भारत सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट में किया संशोधन, जानिए क्या होगा इसका असर?
jantaserishta.com
1 Jan 2022 9:30 AM GMT
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नई दिल्ली: नया साल 2022 उपभोक्ताओं और उपभोक्ता आयोग को राहत देता हुआ आ रहा है. केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में संशोधन कर आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कई उपाय किए हैं. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में बदलाव कर अदालतों में लगातार बढ़ रहे उपभोक्ता संबंधी मामलों के बोझ को कम करने के लिए इन अदालतों के आर्थिक क्षेत्राधिकार को अब नए सिरे से तय किया है.
50 लाख रुपए तक के दावों की शिकायत सुनेगा जिला उपभोक्ता फोरम
अब जिला उपभोक्ता फोरम एक करोड़ की बजाय सिर्फ 50 लाख रुपए तक के दावों की शिकायत ही सुन सकेंगे. संशोधित क्षेत्राधिकार के मुताबिक अब जिला उपभोक्ता आयोग को 50 लाख, राज्य उपभोक्ता आयोग को 50 लाख से 2 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम को 2 करोड़ से अधिक रूप के दावे वाले मामलों की शिकायतें सुनने का अधिकार होगा.
घटेगा मुकदमों का बोझ
अभी तक जिला फोरम को एक करोड़ रुपए तक के मामलों की शिकायतों पर विचार करने का अधिकार था. राज्य उपभोक्ता आयोग के पास एक से दस करोड़ रुपए तक के विवाद और दावों की शिकायतों पर विचार करने का अधिकार था. राष्ट्रीय आयोग में दस करोड़ रुपए से ज्यादा की शिकायतों पर विचार किया जा सकता था. इसकी वजह से मुकदमों का बोझ, फैसलों का इंतजार दोनों बेतहाशा बढ़ रहे थे. यह बदलाव करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि जिला आयोग में एक करोड़ रुपए तक की उपभोक्ता विवाद शिकायत के क्षेत्राधिकार होने की वजह से निचले स्तर से ही मुकदमों का बोझ काफी बढ़ गया था. अब इस नई व्यवस्था से न केवल मुकदमों का बोझ घटेगा बल्कि सभी मामलों में सुनवाई भी सुचारू रूप से होगी. देरी की वजह से उपभोक्ताओं की शिकायतों का जल्द निवारण करने का लक्ष्य भी खटाई में पड़ गया था.
केंद्र सरकार ने बनाया ई-दाखिल पोर्टल
सरकार ने नई व्यवस्था के तहत पोर्टल के जरिए भी विवादों को जल्द करने की पहल की है. राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में अब उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से शिकायत दर्ज करने का विकल्प मिल गया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने ई-दाखिल पोर्टल बनाया है.
देश के 21 राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों की 544 उपभोक्ता अदालतों में इसके जरिए ई-नोटिस, डाउनलोड लिंक और वीडीओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के अलावा एसएमएस और ईमेल के जरिए उपभोक्ताओं को अलर्ट करने जैसी सुविधाएं भी मिल रही हैं. अब तक ई-दाखिल यानी ई- रजिस्ट्रेशन पोर्टल का उपयोग करके 10,000 से अधिक उपभोक्ताओं ने अपनी शिकायतें आयोग में दर्ज कराई हैं. 43000 से अधिक उपभोक्ता अपना पंजीकरण भी करा चुके हैं. यानी उम्मीद है कि 2022 उपभोक्ताओं और उपभोक्ता फोरम के लिए जल्दी निपटारे की राहत लेकर आएगा.
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