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ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की बढ़ती कीमत को लेकर सरकार ने ट्रेड मार्जिन 70 प्रतिशत तक किया सीमित

Deepa Sahu
4 Jun 2021 1:21 PM GMT
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की बढ़ती कीमत को लेकर सरकार ने ट्रेड मार्जिन 70 प्रतिशत तक किया सीमित
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सरकार ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर ट्रेड मार्जिन को 70 प्रतिशत पर सीमित कर दिया है.

सरकार ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर (Oxygen Concentrators) पर ट्रेड मार्जिन को 70 प्रतिशत पर सीमित कर दिया है. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच जीवन रक्षक ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की मांग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. इसकी कीमतों को अंकुश में रखने के लिए वितरक के स्तर पर कंसन्ट्रेटर के लिए ट्रेड मार्जिन की सीमा 70 प्रतिशत तय की गई है.

रसायन और उर्वरक मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार यह फैसला असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए किया गया है. महामारी की वजह से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में काफी अंतर देखने को मिला है. बयान के अनुसार, सरकार ने इस मामले में दखल देते हुए कंसन्ट्रेटर की कीमतों के नियमन का फैसला किया है.राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने यह कदम औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश 2013 के पैरा 19 में अंतर्गत प्रदत्त असाधारण अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया .
राज्यों के आषधि नियंत्रक (एसडीसी) अपने अपने यहां इस आदेश के अनुपालन की निगरानी करेंगे. यह आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेगा. विनिर्माताओं और आयातकों को तीन दिन के अंदर अपने संशोधित अधिक खुदरा-मूल्य (एमआरपी) की सूचना देनी होगी. इस आदेश का उल्लंघन पकड़े जाने पर दोषी को अतिरिक्त कीमत, 15 प्रतिशत ब्याज और 100 प्रतिशत तक दंड के साथ जमा करानी होगी.
क्या है इसका मतलब
कारखाने से डिस्ट्रिब्यूटर तक पहुंचने में कीमत का जो अंतर है उसे ट्रेड मार्जिन कहते हैं. बीच में कई चेन होने की वजह से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की कीमत ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते कई गुना बढ़ जाती है. लेकिन यह भी राहत की बात है, क्योंकि अभी तक कोई सीमा न होने से कई बार ट्रेड मार्जिन करीब 200 फीसदी तक का हो जाता था.
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल प्राइस फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी ने (NPPA) ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के पैरा 19 में मिले विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए के डिस्ट्रिब्यूटर लेवल तक के प्राइस पर ट्रेड मार्जिन 70 फीसदी तक रखने का निर्णय लिया है. इसके पहले NPPA ने फरवरी 2019 में इसी तरह से कैंसर रोधी दवाओं की कीमतों पर काबू के लिए मार्जिन की सीमा तय की थी.
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