भारत

सरकारी विभाग का बाबू गिरफ्तार, किया जमीनों की फर्जी रजिस्‍ट्री

Nilmani Pal
29 April 2022 1:44 AM GMT
सरकारी विभाग का बाबू गिरफ्तार, किया जमीनों की फर्जी रजिस्‍ट्री
x

यूपी। लखनऊ की वजीरगंज पुलिस ने एलडीए के कनिष्ठ लिपिक पवन कुमार गौतम को सरकारी जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कर करोड़ों हड़पने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ वजीरगंज कोतवाली में 10 और गोमतीनगर थाने में तीन मुकदमे दर्ज हैं। वह इससे पहले भी ऐसे ही मामले में जेल जा चुका है। इस समय जमानत पर बाहर था। उसके साथ साठगांठ में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है।

इस्पेक्टर वजीरगंज राज किशोर पांडे के मुताबिक आरोपित पवन कुमार को उसके सरोजनीनगर स्थित मानसरोवर योजना में बने घर से पकड़ा गया है। मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले पवन कुमार कई मुकदमों में फरार चल रहा था। पवन अपने परिचितों के माध्यम से ज़मीनों के खरीदार तलाश कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लेता था। फिर जमीन की रजिस्ट्री कर काफी रकम लेता था।

रजिस्ट्रार कार्यालय में भी पहुंच :पुलिस को पड़ताल में पता चला कि एलडीए में लम्बे समय से तैनात पवन कुमार खरीदारों को फर्जी दस्तावेज देकर उन्हें रजिस्ट्रार कार्यालय बुला लेता था। यहां फर्जी दस्तावेजों से ही उनकी रजिस्ट्री करा देता था। इस कार्यालय में उसकी पहुंच व साठगांठ की वजह से कोई परेशानी नहीं होती थी और खरीदार उसकी जालसाजी उस समय नहीं भांप पाता था। कुछ समय पहले ही पवन के खिलाफ दर्ज मुकदमों में साजिश की धारा 120-बी भी बढ़ायी गई है।

पुलिस अब यह पता करने में लगी है कि पवन कुमार ने कितनी जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें बेच दिया है। इससे कितने रुपये की ठगी उसने अभी तक की है। इस मामले में पुलिस शुक्रवार को कई लोगों के बयान लेगी।

पुलिस की गिरफ्त में आए एलडीए के कर्मचारी ने भू माफिया से मिलकर 25 करोड़ के 13 भूखण्डों में फर्जीवाड़ा किया था। एलडीए उपाध्यक्ष ने जांच के बाद सम्बंधित बाबू को अपने कार्यालय से ही जेल भेजवाया था। एलडीए का बाबू पवन कुमार खुद रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर फर्जी रजिस्ट्री करवाता था। प्राधिकरण ने उसे रजिस्ट्री के लिए अधिकृत कर रखा था। लेकिन वह फर्जीवाड़ा कर रहा था। उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने उसे जेल भेजवाया था। गोमतीनगर के 13 भूखण्डों की उसने फर्जीवाड़ा कर रजिस्ट्री कराई थी। इनमें से 12 भूखंडों पर एलडीए के पूर्व नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह के हस्ताक्षर हैं।

Next Story