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नई दिल्ली। अमानक एवं नकली दवा बनाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले दवा कंपनियों पर आज केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। विदेशों में भारतीय दवाओं पर सवाल खड़े होने के बाद केंद्र सरकार ने नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है। सरकार की तरफ से दवाओं की गुणवत्ता को लेकर जांच अभियान तेज कर दिया गया है।
पिछले 6 महीनों में देश की 134 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया है। सरकार की ओर से सबसे बड़ी कार्रवाई हिमाचल प्रदेश में की गई है। हिमाचल प्रदेश में अब तक 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 11 कंपनियों पर स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर लागू कर दिया गया है और दो फार्मा कंपनियां बंद की गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेशों में भारतीय दवाइयों पर सवाल उठने के बाद से डीसीजीआई और स्टेट ड्रग रेगुलेटर ने प्रोडक्ट की गुणवत्ता परखने को लेकर निरीक्षण अभियान तेज़ किया है. तीन अलग-अलग चरणों में अब तक 134 दवा कंपनियों का इंस्पेक्शन किया गया है। इसमें ड्रग प्रोड्यूस करने का जिन कंपनियों का पिछले तीन साल का रिकॉर्ड था राज्यों से, उन कंपनियों के नाम का डेटा बनाया गया।
इनमें वो कंपनियां शामिल की गई हैं, जिन्होंने 2019-22 के दौरान 11 से ज़्यादा बार में फेल रहीं.। इसमें सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश के 51 यूनिट, उत्तराखंड में 22, मध्यप्रदेश : 14, गुजरात में 9, दिल्ली में: 5, तमिलनाडु में 4,पंजाब :में 4, हरियाणा में 3,राजस्थान में 2, कर्नाटक में 2, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, पुद्दुचेरी, केरल, जम्मू, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश में 1-1 दवाई कंपनियों का इंस्पेक्शन किया गया है. हिमाचल प्रदेश की 26 यूनिट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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