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सरकार ने एहतियाती खुराक के रूप में बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्स को दी मंजूरी
Shiddhant Shriwas
10 Aug 2022 7:53 AM GMT
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बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्स
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने एहतियाती खुराक के रूप में बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्स (Corbevax) को मंजूरी दे दी है। 18 साल से अधिक उम्र के लोग यह टीका लगा सकेंगे। यह पहली बार होगा कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक लेने के बाद अब बूस्टर डोज (Booster Dose) के रूप में कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इससे संबंधित सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को जानकारी दी कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की यह मंजूरी टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 कार्य समूह द्वारा हाल ही में की गई अनुशंसा पर आधारित होगी।
सूत्रों ने कहा, "18 साल से अधिक उम्र के जो भी लोग कोवैक्सीन (Covaccine) या कोविशील्ड (Covishield) का दूसरा डोज ले चुके हैं वे अपने टीकाकरण (Vaccination) के छह महीने या 26 हफ्ते बाद बूस्टर डोज के रूप में कॉर्बेवैक्स लगा सकेंगे। ऐसा पहली बार होगा कि वयस्कों को पूर्व में लगाई गई टीकों से अलग एहतियाती खुराक दी जाएगी।"
उन्होंने बताया कि कोवैक्सीन या कोविशील्ड के टीकाकरण को लेकर अब तक जिस तरह के दिशा-निर्देश जारी थे उसमें अब कॉर्बेवैक्स के नए नियम भी शामिल कर लिए गए हैं। कॉर्बेवैक्स से संबंधित सभी बदलाव Co-WIN पोर्टल पर किए जा रहे हैं।गौरतलब है कि भारत के पहले स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट टीका कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल मौजूदा समय में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 12 से 14 वर्ष आयु के बच्चों को लगाने के लिए किया जा रहा है। कोविड-19 कार्य समूह (CWG) ने 20 जुलाई की बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की जिसमें 18 से 80 वर्ष की आयु के उन लोगों का आकलन किया गया जो कोविड-19 निगेटिव हैं और जिन्होंने पहली दो खुराक कोविशील्ड या कोवैक्सीन की ली है। इसमें देखा गया क्या इन्हें कॉर्बेवैक्स का टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिया जा सकता है, क्या इसे लगाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर क्या असर पड़ेगा।
सूत्रों ने बताया, "आंकड़ों का परीक्षण करने के बाद CWG ने पाया कि पहली और दूसरी खुराक के तौर पर कोवैक्सीन या कोविशील्ड लेने वालों को कॉर्बेवैक्स तीसरी खुराक के तौर पर दिया जा सकता है। यह उल्लेखनीय रूप से वायरस से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी पैदा करता है और पूरी तरह से सुरक्षित भी है।"
इसके बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने चार जून को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स को 18 या इससे अधिक आयु के लोगों को लगाने की मंजूरी दे दी थी।
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