बंगाल। पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में रेल हादसा हो गया है. यहां दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं, जिसके बाद कई बोगियां पटरी से उतर गईं. यह हादसा रविवार तड़के करीब 4 बजे ओंडा स्टेशन पर हुआ. घटना में एक मालगाड़ी के चालक को चोटें आईं हैं. सूत्रों के मुताबिक, एक मालगाड़ी ने दूसरी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे लगभग 12 डिब्बे पटरी से उतर गए.
घटना के बाद रेलवे उठाने जा रहा है बड़ा कदम
दरअसल, देश के अंदर माल ढुलाई के लिए अलग से रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। इसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसीसी) नाम दिया गया है। इसमें दो कॉरिडोर बन रहे हैं। पहला है ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और दूसरा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरिडोर है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की लंबाई 1839 किलोमीटर रखी गई है। जबकि वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर 1504 किलोमीटर है। ईस्टर्न कॉरिडोर पंजाब में साहनेवाल (लुधियाना) से शुरू होकर पश्चिम बंगाल तक जा रहा है, इसका अंतिम स्टेशन दनकुनी है। इस कॉरिडोर में कोयला खदानें, थर्मल पॉवर प्लांट और औद्योगिक शहर मौजूद हैं। जबकि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर महाराष्ट्र के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल से उत्तर प्रदेश के दादरी तक तैयार हो रहा है। यह रेलवे लाइन प्रमुख बंदरगाहों से होकर गुजर रही है, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में यह लाइन बिछाई गई है।
डीएफसीसी से जुड़े अफसरों का कहना है कि भारतीय रेलवे नेटवर्क में मालगाड़ियां अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होती हैं, लेकिन इन्हें यात्री रेलगाड़ियों की तरह गंभीरता से नहीं लिया जाता है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में वर्ष 2022 में ट्रेन से उतरने की दो घटनाएं हुई थीं। लेकिन यह बहुत ही छोटी घटनाएं थीं। लेकिन जब दोनों कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएंगे तो उसके बाद पूरी मालढुलाई इन्हीं दोनों कॉरिडोर से होने लगेगी। इससे नेटवर्क पर दबाव रहेगा और सुरक्षा को लेकर जोखिम ज्यादा होगा।
इस समय डीएफसीसी पर एक कर्मचारी की शिफ्ट आठ घंटे की होती है। रेलवे इसमें कमी लाने की योजना बना रहा है। ताकि रेल पायलटों की थकान की वजह से कोई दुर्घटना न हो। डीएफसीसी ने पश्चिमी कॉरिडोर में सुरक्षा के लिए लोको पायलटों को पैनिक बटन वाले हैंडसेट दिए हैं। दुर्घटना या ट्रेन के पटरी से उतरने की स्थिति में लोको पायलट बटन दबाएगा, जिससे उस इलाके की सभी ट्रेनों को रेट अलर्ट संदेश पहुंच जाएगा। इसके बाद कंट्रोल रूम दुर्घटना स्थल के आसपास की सभी ट्रेनों को रोक देगा।