नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप के कारण बेरोजगारी की मार झेलने वाले लोगों को राहत देने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम की अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत 20 अगस्त 2020 में बड़ी घोषणा की थी. केंद्र ने कहा था कि योजना के तहत दावा करने के 15 दिन में निपटान कर दिया जाएगा. घोषणा के मुताबिक, 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बेरोजगारी लाभ के तहत भुगतान दोगुना कर दिया गया था. दूसरे शब्दों में समझें तो रोजगार गंवाने वालों को तीन महीने के औसत वेतन का 50 फीसदी लाभ देने की घोषणा की गई थी, जो पहले 25 फीसदी थी. केंद्र ने रविवार को योजना के तहत क्लेम करने के लिए हलफनामा दाखिल करने की जरूरत भी खत्म कर दी है.
श्रम मंत्रालय ने घोषणा के दो महीने के भीतर आई प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने पर पाया कि क्लेम के लिए हलफनामा की अनिवार्यता से लाभार्थियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं. श्रम मंत्रालय ने कहा कि अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत क्लेम करने के लिए ऑनलाइन प्रॉसेस और आधार व बैंक अकाउंट डिटेल्स जैसे डॉक्युमेंट्स की स्कैन कॉपी अपलोड करने की छूट देने का फैसला किया गया है. अगर कोई लाभार्थी ऑनलाइन क्लेम के समय डॉक्युमेंट्स अपलोड नहीं कर पाता है तो उसे उनके प्रिंटआउट्स पर हस्ताक्षर करके जमा कराने होंगे.
ईएसआईसी के तहत योजना का फायदा निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है. इसके लिए ईएसआई कार्ड बनता है. कर्मचारी इस कार्ड या कंपनी से लाए गए दस्तावेज के आधार पर स्कीम का फायदा ले सकते हैं. योजना का लाभ सिर्फ 21,000 रुपये या इससे कम सैलरी वाले कर्मचारियों को ही मिलता है. दिव्यांग कर्मचारियों के लिए आय की सीमा 25,000 रुपये है. वहीं, कंपनी का ईएसआईसी के तहत रजिस्टर्ड होना भी जरूरी है. ईएसआईसी से जुड़े कर्मचारी कॉरपोरेशन की किसी भी ब्रांच में इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. हालांकि, अब आप ऑनलाइन क्लेम भी कर सकते हैं.
योजना का फायदा केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो ईएसआई स्कीम से पिछले दो साल से जुड़े हैं. दूसरे शब्दों में समझें तो 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक इस स्कीम से जुड़े लोगों को ही फायदा मिलेगा. उनका 1 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच कम से कम 78 दिन का कामकाज भी जरूरी है. श्रम मंत्रालय की घोषणा के बाद रोजगार जाने के 30 दिन के बाद लाभ का दावा किया जा सकता है, जो पहले 90 दिन बाद ही किया जा सकता था. वहीं, अब कर्मचारी खुद दावा कर सकते हैं, जबकि पहले उन्हें कंपनी के जरिये आवेदन करना होता था. उम्मीद है कि इस फैसले से 40 लाख औद्योगिक श्रमिकों को फायदा मिलेगा.