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यीडा के सेक्टर-17 में एसडीएस बिल्डर की परियोजना में फंसे आवंटियों के लिए अच्छी खबर

Admindelhi1
18 March 2024 4:37 AM GMT
यीडा के सेक्टर-17 में एसडीएस बिल्डर की परियोजना में फंसे आवंटियों के लिए अच्छी खबर
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56 भूखंडों का नक्शा पास होगा

नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-17 में एसडीएस बिल्डर की परियोजना में फंसे आवंटियों के लिए अच्छी खबर है. यमुना प्राधिकरण परियोजना में फंसे और प्लॉट की रजिस्ट्री करा चुके करीब 56 आवंटियों का नक्शा पास करेगा, ताकि वह वहां निर्माण शुरू करा सके.

प्राधिकरण की को होने वाली बोर्ड बैठक में भी यह प्रस्ताव रखा जाएगा. इसको लेकर प्राधिकरण ने खाका तैयार कर लिया है. यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि एसडीएस बिल्डर पर यमुना प्राधिकरण का 655 करोड़ रुपये बकाया है. इसके चलते परियोजना अधर में फंसी है.

आवंटियों की परेशानी को देखते हुए प्राधिकरण ने बीते साल अतिरिक्त मुआवजा राशि का सीधे प्राधिकरण को भुगतान कर रजिस्ट्री कराने की राहत दी थी. हालांकि, इसके लिए बिल्डर से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना जरूरी है. अब तक 56 भूखंडों की रजिस्ट्री हो चुकी है, लेकिन प्राधिकरण द्वारा नक्शा पास न किए जाने से आवंटी निर्माण शुरू नहीं कर पा रहे हैं. प्राधिकरण ने ऐसे आवंटियों का नक्शा पास करने का फैसला लिया है. बोर्ड की मुहर लगने के बाद नक्शा पास करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. 56 आवंटी नक्शा पास करा अपना घर बना सकेंगे.

जल संचयन के इंतजाम न होने पर नोटिस जारी

जिला प्रशासन ने भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए बिल्डर परियोजनाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग ने वर्षा जल संचयन के इंतजाम न होने पर छह परियोजनाओं को तीन माह का समय दिया है, जबकि मेफेयर रेसिडेंसी और आर सिटी रीजेंसी में वर्षा जल संचयन के इंतजाम न होने पर दोनों को नोटिस जारी किया है.

कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की बैठक ली. इस दौरान भूगर्भ जल अधिकारी अंकिता राय ने बताया कि पोर्टल पर कुल बोरवेल के लिए 60 आवेदन प्राप्त हुए थे, इनमें से आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है. जिलाधिकारी को अवगत कराया कि 37 परियोजनाओं की जल संचयन प्रणाली का निरीक्षण किया गया, जिसमें से छह में प्रणाली अक्रियाशील पाई गई. वहीं दो परियोजना मेफेयर रेसिडेंसी व आर सिटी रीजेंसी में वर्षा जल संचयन प्रणाली नहीं मिली.

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