बिजली उपभोक्ताओं के लिए गुड न्यूज़, अब विद्युत कंपनी देगी मुआवजा
उत्तर प्रदेश। बिजली की समस्या के चलते बिजली उपभोक्ता अब मुआवजा ले सकेंगे. इसके लिए एमडी ने पूरे प्रदेश में निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके तहत तय अवधि में समस्या दूर ना होने पर उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाएगा. यह फैसला विद्युत विन्यामक आयोग के निर्देश पर जारी किया गया है. जिसके बाद पावर कॉर्पोरेशन ने राज्य में मुआवजा कानून लागू कर दिया है.
प्रदेश में बिजली से जुड़ी समस्या दूर ना हो पाने पर मुआवजा दिया जाएगा. ग्राहक यह मुआवजा बिजली कंपनी से ले सकेंगे. इसके लिए ग्राहक को पहले अपनी समस्या टोल फ्री नंबर 1912 पर दर्ज करवानी होगी, जिसके बाद तय समय में आगे परेशानी दूर नहीं होती है तो दोबारा टोल फ्री नंबर पर काल करके मुआवजा का दावा कर सकते हैं और मुआवजा आपके अकाउंट में सीधा आएगा.
बिजली संबंधी किसी भी समस्या के लिए मुआवजा दिया जाएगा. जिसमें 1 से 60 दिन का समय लग जाएगा. इसमें उपभोक्ता को वित्तीय वर्ष में दी गई मीटर की फिक्स और डिमांड चार्ज का 30 फीसदी ही मुआवजा दिया जाएगा. जैसे कि आपने एक किलोवाट का कनेक्शन लिया हुआ है और आपसे 110 रुपए मीटर का चार्ज एक महीने में लिया जाता है. यानी एक साल में आपसे 1320 रुपये लिया जाता है. तो इसका मतलब ये हुआ कि आपका अधिकतम मुआवजा 30 फीसदी के हिसाब से 396 रुपये ही होगा. विद्युत संबंधी समस्याएं का मुआवजा उन लोगो को मिल सकता है जिन्होंने नया कनेक्शन लिया हो और 7 से 10 दिन में कनेक्शन नहीं होता है तो मुआवजा लिया जा सकता है. अगर ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है तो शहरी क्षेत्र में 6 से 8 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे में ना बदले जाने अपर मुआवजा लिया जा सकता है. अगर अंदर ग्राउंड केबल खराब हो गई हो तो शहरी क्षेत्र में 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे में नहीं सही होती है तो मुआवजा लिया जा सकता .
इसके अलावा 3 दिन में जला हुआ मीटर ना बदलने पर और 7 दिनों में बिलिंग शिकायत दूर ना होने पर मुआवजा लिया जा सकता है. बड़े शहर में 2 घंटे और गांव में 6 घंटे में फ्यूज के भी ठीक ना होने पर मुआवजा लिया जा सकता है. हालंकि मुआवजे का कानून 2019 में बना लेकिन अब तक राज्य में लागू नहीं किया गया था. आयोग के कड़ा रुख अपनाने पर कंपनियों से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कर मुआवजा कानून को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है.