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खुशखबरी: कोरोना की पहली क्लीनिकली टेस्टेड स्वदेशी दवा लॉन्च, रेमडेसिविर से 3 गुना ज्यादा असरदार

Deepa Sahu
18 April 2021 5:38 PM GMT
खुशखबरी: कोरोना की पहली क्लीनिकली टेस्टेड स्वदेशी दवा लॉन्च, रेमडेसिविर से 3 गुना ज्यादा असरदार
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कोरोना से दुनियाभर में लोगों का हाल-बेहाल है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: सबसे सस्ती और कारगर जोरदार असरदार कोरोना महामारी से छुटकारा कंपनी का दावा-


कोरोना से दुनियाभर में लोगों का हाल-बेहाल है। इस बीच गुजरात के अहमदाबाद से एक अच्छी खबर आई है। यहां कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक दवा लॉन्च की गई है। इसका नाम 'आयुध एडवांस' रखा गया है।
कोरोना से दुनियाभर में लोगों का हाल-बेहाल है।दो क्लीनिकल ट्रायल से गुजर चुकी ये दवाई कोरोना के मरीजों पर प्रभावी है। इसका ट्रायल अहमदाबाद के सरकारी अस्पतालों में किया गया। इस दवाई के जरिए मरीज का इलाज करने पर 4 दिन के अंदर ही कोरोना ठीक हो जाता है। सबसे बड़ी बात इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।







हल्के लक्षण वाले मरीजों पर ज्यादा असरदार
इसके सेवन के बाद शरीर का तापमान, कफ की समस्या और सांस लेने की दिक्कत जैसी परेशानी तेजी से ठीक होती है। विज्ञान और हेल्थ सेक्टर में दुनिया के बड़े जर्नल कंटेम्प्रेरी क्लीनिकल ट्रायल कम्युनिकेशन में इस पर रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक ये दवाई कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर काफी असरदार है।
दो क्लीनिकल टेस्ट किए गए
इसके अलावा अमेरिका के नेशनल सेंटर फोर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में भी इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी है। दवाई का पहला क्लीनिकल ट्रायल अक्टूबर 2020 में श्रीमती एनएचएल नगर मेडिकल कॉलेज में किया गया था। दूसरा ट्रायल जनवरी 2021 में GMERS मेडिकल कॉलेज और हास्पिटल में किया गया। पहला ट्रायल ऐसे मरीजों पर किया, जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण थे। हल्के लक्षण वाले मरीजों को आयुध एडवांस दिन में चार बार दी गई। सभी मरीज 4 दिन के अंदर ठीक हो गए। ट्रांजेशनल हेल्थ साइंस और टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के मुताबिक ये दवाई रेमडेसिविर की तुलना में 3 गुना ज्यादा प्रभावी है।
21 पौधों से तैयार की गई है आयुर्वेदिक दवा
इसे गुजरात की शुक्ला अशर इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है। ये एक लिक्विड दवा है, जिसे 21 अलग-अलग पौधों से तैयार किया गया है। आयुर्वेद शास्त्र के मुताबिक इन पौधों से लिए गए तत्व सुरक्षित और प्रभावी हैं। वैक्सीनेशन खत्म होने पर आयुध एडवांस मार्केट में आ जाएगी।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर दीप शुक्ला ने बताया कि आयुध एडवांस, वैक्सीन के मुकाबले काफी अलग है। वैक्सीन किसी एक बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है, लेकिन उससे बीमारी 100 प्रतिशत ठीक नहीं होती है। इसके उलट आयुध एडवांस से बीमारियां जड़ से ठीक होती हैं।
दो लाख बीस हजार लोगों का कोरोना ठीक हुआ
कंपनी की दो दवाएं हैं। इनमें से आयुध एडवांस कोरोना के मरीजों के लिए है तो दूसरी तरफ आयुध मेंटेन नाम की दवा है। इसका उपयोग इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने के लिए किया जाता है। कंपनी के मुताबिक आयुध मेंटेन का सेवन करने के बाद 2,20,000 आइसोलेट लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। दवा को गुजरात सरकार के आयुर्वेद विभाग ने अप्रूवल दिया है।


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