दिल्ली को ओर भागे है गोगामेड़ी हत्यारे, कार चालक ने पुलिस को बताया
राजस्थान। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड मामले में बड़ी जानकारी निकलकर सामने आई है. सुखदेव सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग कर उनकी हत्या करने के बाद हमलावर वहां से एक स्कूटी छीनकर फरार हुए थे. इसके बाद दोनों हमलावरों ने रेलवे स्टेशन तक का सफर तय किया. फिर ट्रेन से कुचामन सिटी पहुंचे.
#WATCH डीडवाना, राजस्थान: राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में शामिल 2 शूटरों को कार से सुजानगढ़ छोड़ने वाले कार चालक योगेश शर्मा ने बताया, “एक लड़के का कॉल आया कि 2 सवारी सुजानगढ़ छोड़नी है…उन्होंने रास्ते में मुझे कहा कि हमें… pic.twitter.com/fhzKXpWvzW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2023
कुचामन सिटी रेलवे स्टेशन के पास ही नारायणपुर से डीडवाना के लिए रोडवेज बस पकड़ी. डीडवाना बस स्टैंड पर शाम को करीब 8:00 बजे पहुंचे. यहां से किराए की कार लेकर सुजानगढ़ तक का सफर तय किया. इस पूरे सफर के दौरान डीडवाना का अर्जुन सैनी नाम का युवक उनके साथ आया था.
अर्जुन सैनी ने हमलावरों की हर एक्टिविटी के बारे में डिलेट में बताया है. उसने कहा, ‘परसों रात एक दोस्त का फोन आया कि डीडवाना से सुजानगढ़ तक दो सवारी छोड़नी हैं. मैं वाइफ को लेकर हॉस्पिटल गया था. इसके बाद वाइफ को छोड़कर पेट्रोल पंप पहुंचा. गाड़ी वहां पहुंचते ही वो दोनों पीछे की सीट पर बैठ गए’.
‘वो दोनों दोस्त जिन्होंने फोन किया था, मैंने उनसे कहा कि आप भी साथ चलो, सुजानगढ़ छोड़कर साथ ही लौट आएंगे. इस पर वो दोनों भी साथ चल दिए. वहां से चलने के बाद जैसे ही एक पेट्रोल पंप आया, उन्होंने 15 सौ रुपये दिए तो हमने पेट्रोल डलवाया. इसके बाद उन्होंने कहा कि हिसार जाना है’.
‘इस पर मैंने कहा कि तब तो ट्रेन से चले जाओ. इस पर वो बोले कि ट्रेन से नहीं बस या टैक्सी से ही जाएंगे. इसके बाद हम सुजानगढ़ बस स्टैंड पहुंचे वहां बस खड़ी थी. उन्होंने कहा कि दिल्ली की बस है, यहां रोक दो. वहां जाकर उन्होंने कंडक्टर से कहा कि हिसार जाना है. इस पर कंडक्टर ने कहा कि हिसार के लिए कोई डायरेक्ट बस नहीं है. इसके बाद हम उनको वहां छोड़कर वापस लौट आए’.
‘वो हमसे फ्रेंडली बात कर रहे थे. वापस आने के बाद रात में सो गया. सुबह होने पर पता चला कि ऐसी घटना हुई है. फिर न्यूज में देखा कि ये वही लोग हैं. फिर मैंने एक अंकल को पूरी बात बताई. इस पर उन्होंने कहा कि तुमको पुलिस की मदद करनी चाहिए. इस पर मैं थाने के लिए निकला. रास्ते में उन्होंने भनक ही नहीं लगने दी कि ऐसी घटना की है’.