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भगवान किसी मां को ऐसा दिन न दिखाए! 2 साल की बच्ची की मौत, हुआ कुछ यूं…

jantaserishta.com
1 Dec 2023 11:56 AM GMT
भगवान किसी मां को ऐसा दिन न दिखाए! 2 साल की बच्ची की मौत, हुआ कुछ यूं…
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नई दिल्ली: दिल्ली से एक दर्दनाक मामला सामने आया है जिसमें एक 2 साल की बच्ची की मौत हो गई है। घटना बुधवार की है. बच्ची की मौत उस वक्त हुई जब वह अपनी चाची की गोद में थी। दरअसल चाची बच्ची को लेकर रास्ता पार कर रही थी। तभी एक गाड़ी ने जोर से टक्कर मार दी जिसकी वजह से वो अपना बैलेंस खो बैठी बच्ची को गोद से गिर गई. इस हादसे में बच्ची को काफी चोट आई। उसे अस्पताल भी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना दिल्ली के मोतीबाग इलाके की है जहां बुधवार को चाची बच्ची को गोद में लेकर रास्ता पार कर रही थी। रास्ते के उस पार वो दूध लेने गई थी। ये हादसा वापस आते समय हुआ है। इसमें चाची को भी मामूली चोटें आई हैं। बच्ची अपने माता पिता के सात मोतीबाग फ्लाइओवर के नीचे रहती थी। पिता मजदूर हैं जबकि मां रास्ते के किनारे खिलौने बेचने का काम करती है।

जिस वक्त ये घटना हुई बच्ची के पिता राम फुल काम के लिए बाहर गए हुए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राम फुल ने बताया उनके साथ काम कर रहे एक अन्य शख्स के पास हादसे की सूचना देने के लिए फोन आया। वहीं चाची ने बताया कि वो रास्ते के उस पार दूध खरीदने जाते रहते थे। बुधवार को हम वापस लौट रहे थे. मेरे एक हाथ में दूध और दूसरे हाथ में बच्ची को पकड़ा हुआ था. तभी अचानक एक सफेद गाड़ी ने जोरदार टक्कर मार दी और मैं बैलेंस खोकर गिर गई। बच्ची भी मेरे हाथ से गिर गई।

उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही वो उठी, उन्होंने बच्ची को बेहोश देखा और उसके सिर से खून भी बह रहा था। तब तक कई गाड़िया भी वहां से गुजरी। उन्होंने तुरंत बच्ची को उठाया और परिवार के पास लेकर गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। वहीं पुलिस ने बताया कि इस मामले में जांच के लिए सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह घटना स्थल पर भी गए थे लेकिन वहां ना तो कोई गाड़ी मिली और ना कोई चश्मदीद गवाह। आईपीसी के सेक्शन 279 और 304 के तहत केस दर्ज किया हुआ ह।

पीड़िता के परिवार वालों ने बताया कि वो लोग राजस्थान के भिलवाड़ा के रहने वाले हैं और मोतीबाग फ्लाइओवर के नीचे पिछले 15 साल से रह रहे हैं। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि फ्लाइवोर के नीचे और उसे पास 10-12 लोग सोते हैं और जब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

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