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4 लाख 50 हजार रुपये में बिकी बकरे की जोड़ी, ड्राई फ्रूट्स और पीती हैं जूस

Admin2
20 July 2021 4:12 PM GMT
4 लाख 50 हजार रुपये में बिकी बकरे की जोड़ी, ड्राई फ्रूट्स और पीती हैं जूस
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मालिक ने किया ये दावा

ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी का बाजार गर्म हो गया है. यूपी के कई राज्यों में महंगे बकरे खरीदे गए. मंगलवार को राजधानी लखनऊ और बुलंदशहर में अबतक के सबसे महंगे बकरे खरीदे और बेचे गए. लखनऊ में एक बकरे की जोड़ी 4 लाख 50 हजार रुपये में बिकी और बुलंदशहर में 1 लाख 35 हजार रुपये में एक बकरा बेचा गया. लखनऊ में बिके बकरे की जोड़ी ड्राई फ्रूट्स और जूस पीती हैं, इनकी उम्र महज 2 से ढाई साल बताई जा रही है और एक का वजन 1 कुंतल 70 किलो और दूसरे का वजन 1 कुंतल 50 किलो है. इसके अलावा बुलंदशहर में तोतापरी नस्ल का बकरा कुर्बानी के लिए 1 लाख 35 हजार रुपये में बिका. इस बकरे का वजन 140 किलो का बताया गया और बकरे के मालिक का दावा है कि यह जनपद में सबसे महंगा बकरा बिका है.

ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा, जिसके बाद बकरों पर कुर्बानी की रस्म अदा की जाएगी. लखनऊ में चौक स्थित गोमती नदी के किनारे बकरा मंडी लगाई जाती है, वहां पर कई नस्ल के बकरे बिकने आते हैं, इस बार लखनऊ के ही रहने वाले कोनऐन और नोमान नाम के शख्स ने लखनऊ के सबसे महंगे बकरों की जोड़ी खरीदी है. इन्होंने बकरे की जोड़ी को 4 लाख 50 हजार में खरीदा.

सबसे महंगे बकरे की जोड़ी को खरीदने वाले शख्स कोनऐन और नोमान ने बताया कि इन बकरों की प्रतिदिन डाइट 600 रुपये है. यह ड्राई फ्रूट्स और जूस पीते हैं, इसके अलावा काजू, पिस्ता, बादाम और मिठाई भी खाता है. इन्हें चावल, चना, दान भी खाने के लिए दिया जाता है. इतना ही नहीं इन बकरों को रोज सुबह शैम्पू से नहलाया जाता है. दिखने में यह बकरे काफी खूबसूरत हैं. इन बकरों की उम्र दो साल के करीब है. समय समय पर इनकी डॉक्टरी जांच कराई जाती रही है. बकरे की जोड़ी खरीदने वाले शख्स का कहना है कि कोरोना गाइड लाइन को ध्यान में रखकर ही इनकी कुर्बानी दी जाएगी.

बुलंदशहर में तोतोपरी नस्ल का बकरा 1 लाख 35 हजार रुपये में बेचा गया. इसे गाजियाबाद के एक शख्स ने कुर्बानी के लिए खरीदा. बुलंदशहर के रोडवेज बस अड्डे के पास रह रहे रागिब नाम के व्यक्ति ने इस बकरे को पाला था. रागिब ने बताया कि तोतापरी नस्स का बकरा राजस्थान में पाया जाता है. यह बकरे की सबसे ऊंची नस्ल बताई जाती है. मोहम्मद रागिब उर्फ राजू का कहना है कि उन्हें बकरे पालने का शौक है इसलिए वो एक साल पहले तोतापुरी नस्ल का बकरी का बच्चा लाए थे और उसे पाल पोसकर बड़ा किया और अच्छे दामों में कुर्बानी के लिए बेच दिया. बकरीद 21 जुलाई को मनाई जाएगी. कोरोना की वजह से इस बार बाजारों में रोक कोई खास नहीं है. मौलानाओं ने अपील की है कि कोरोना वायरस को देखते हुए जारी गाइडलाइन का पालन करें और घरों में ही नमाज पढ़ें.


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