भारत

गोवा सरकार ने की रेप मामले में बरी किए जाने के खिलाफ अपील, तरुण तेजपाल को हाई कोर्ट का नोटिस

Kunti Dhruw
2 Jun 2021 9:30 AM GMT
गोवा सरकार ने की रेप मामले में बरी किए जाने के खिलाफ अपील, तरुण तेजपाल को हाई कोर्ट का नोटिस
x
गोवा सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में पूर्व पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ फिर से सुनवाई होने की अपील की है.

गोवा सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ फिर से सुनवाई होने की अपील की है. सरकार ने अपील के पीछे तर्क दिया कि अदालत ने पीड़िता के सबूतों को नजरअंदाज किया है. सरकार ने यह भी कहा कि अदालत ने बचाव पक्ष के सभी सबूतों को सच माना गया जबकि पीड़िता के सबसे अहम सबूत, माफी वाले ई-मेल को नजरअंदाज कर दिया. वहीं जज एस पी गुप्ता ने तेजपाल को नोटिस जारी कर गोवा सरकार की अपील को 24 जून के लिए स्थगित कर दिया है.

इसके अलावा हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री विभाग से सत्र अदालत में चल रहे इस मामले से संबंधित सभी कागजात और अन्य दस्तावेज मंगाने का भी निर्देश दिया है. जज गुप्ता का कहना है कि इस मामले में केवल पीड़िता के ऑबजरवेशन का ही सच मानकर फैसला ले लिया गया है. एचसी ने कहा कि फैसले में अभियोजन पक्ष का मामला भी शामिल नहीं है.
फास्ट-ट्रैक अदालत ने बरी कर दिया था
मालूम को कि तरुण तेजपाल को 21 मई को फास्ट-ट्रैक अदालत ने अपने फैसले में दोषी न मानते हुए बरी कर दिया था. 58 साल के पत्रकार तेजपाल पर एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में एक महिला सहकर्मी के साथ रेप करने का आरोप लगाया गया था. ये घटना 2013 की है जब तेजपाल तहलका मैगजीन के एक इवेंट में गोवा पहुंचे थे. शिकायतकर्ता का कहना है कि तेजपाल ने घटना के अगले दिन भी पीड़िता का शोषण करने की कोशिश की थी. वहीं तेजपाल ने इस आरोप को झूठा बताया है. तेजपाल 2014 से ही जमानत पर बाहर थे.
इ-मेल भेज अपनी हरकतों के लिए मांगी थी माफी
वहीं गोवा सरकार का कहना है कि हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने महिला के सबूतो को नजरअंदाज किया है. सरकार ने कहा कि कोर्ट ने सबसे बड़े सबूत ई-मेल पर कोई संज्ञान नहीं लिया. दरअसल तेजपाल ने 2013 में घटना के बाद अपनी महिला सहकर्मी इ-मेल भेजी अपनी हरकतों के लिए माफी मांगी थी.
Next Story