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लखनऊ के कैसरबाग में कोर्ट के गेट पर वकील की ड्रेस में आए एक युवक ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के शूटर और गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी। हमलवार को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है। फायरिंग में एक बच्ची और पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है। बच्ची की हालत गंभीर है। जीवा मुख्तार अंसारी का करीबी था। वह लखनऊ जेल में बंद था। हाल ही में प्रशासन ने उसकी संपत्ति भी कुर्क की थी। जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाने में कंपाउंडर की नौकरी करता था। बाद में उसी दवाखाने के मालिक को ही अगवा कर लिया। इस घटना के बाद जीवा ने 90 के दशक में कलकत्ता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती में दो करोड़ रुपए की मांग की। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा, फिर सतेंद्र बरनाला के साथ भी जुड़ा। वह खुद अपना भी एक गैंग बनाना चाहता था। जीवा का नाम 10 फरवरी, 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया था। इस केस में जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके कुछ दिन बाद जीवा, मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया। इसी समय उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ।
कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था, तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने का तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का सपोर्ट था। इसके बाद जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया। हालांकि कुछ सालों बाद मुख्तार और जीवा को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया गया। पुलिस रिकार्ड के अनुसार, जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में वह बरी हो चुका था, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। कुछ मीडिया रिपोट्र्स की मानें तो वर्ष 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने सुप्रीट कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जीवा की जान को खतरा बताया था। 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में पायल राष्ट्रीय लोकदल से चुनाव भी लड़ चुकी हैं। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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