भारत

क्रिप्टो संपत्तियों के विनियमन के लिए वैश्विक सहमति जरूरी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

jantaserishta.com
23 April 2023 12:11 PM GMT
क्रिप्टो संपत्तियों के विनियमन के लिए वैश्विक सहमति जरूरी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
x
फाइल फोटो
नई दिल्ली (आईएएनएस)| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित करने के लिए वैश्विक सहमति की आवश्यकता पर जोर दिया। बेंगलुरू में विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि क्रिप्टो संपत्तियों पर किसी भी प्रकार के विनियमन के लिए प्रत्येक देश की सहमति की आवश्यकता होगी, अन्यथा यह प्रभावी नहीं होगा।
सीतारमण ने कहा कि भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत क्रिप्टो संपत्ति विनियमन को इस वर्ष के लिए एक एजेंडा आइटम के रूप में रखा है।
आईएमएफ ने क्रिप्टो-मुद्रा और जिस तरह से यह व्यापक आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है उस पर पर एक पेपर पेश किया है।
सीतारमण ने कहा, वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी), जिसे जी20 द्वारा स्थापित किया गया था, एक रिपोर्ट देने के लिए सहमत हो गया है जो वित्तीय स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि एफएसबी और आईएमएफ दोनों की रिपोर्ट पर जुलाई में चर्चा की जाएगी, जब वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर जी20 में मिलेंगे।
सीतारमण ने आगे कहा कि सरकार कर आधार को व्यापक बनाने के लिए कई उपाय कर रही है।
उन्होंने कहा, हम कम कर दरों और कम छूट के साथ एक समानांतर, सरलीकृत आयकर व्यवस्था लाए हैं। लोगों को करों का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बदलाव लाए गए हैं।
वेतनभोगी वर्ग को कभी-कभी लगता है कि केवल उन्हीं पर बोझ क्यों हैं, दूसरों पर सवाल क्यों नहीं उठाए जाते ? उन्हें याद रखना चाहिए कि सरकार दूसरों तक भी पहुंच रही है। बड़े खचरें पर अब कर लगाया जा रहा है, वे टीडीएस का भुगतान कर रहे हैं। इसलिए कर जाल का विस्तार हो रहा है।
वैश्विक आर्थिक परि²श्य पर बोलते हुए, वित्त मंत्री ने कहा: जब यूरोप में युद्ध शुरू हुआ तब कोविड पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ था और इसके वैश्विक परिणाम सामने आए। ईंधन की कीमतें बढ़ गईं और कई देशों में खाद्य असुरक्षा देखी गई।
सीतारमण ने कहा, कोविड के दौरान कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने नोट छापकर बांटे। इस फॉमूर्ले के परिणामस्वरूप उनकी अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति दहाई अंक में पहुंच गई, जो कि 30-40 वर्षों में वहां नहीं देखी गई थी।
मुद्रास्फीति पर, उन्होंने कहा कि शुरू में ब्याज दरें लंबे समय तक कम थीं और अब मुद्रास्फीति की दरें उन देशों में लंबे समय तक ज्यादा हैं, जिन्होंने करेंसी नोट छापे और इसे कोविड के दौरान वितरित किया।
सीतारमण ने कहा, उनकी अर्थव्यवस्था में अस्थिरता है और वह अभी मंदी के दौर में है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
Next Story