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डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई युवती, ऐंठ लिए 11 लाख

jantaserishta.com
1 Dec 2023 2:39 AM GMT
डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई युवती, ऐंठ लिए 11 लाख
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नोएडा: साइबर अपराधियों ने नोएडा सेक्टर-34 निवासी महिला आईटी इंजीनियर को डिजिटली अरेस्ट कर आठ घंटे तक डराकर घर में ही बंधक बनाकर रखा। आरोपियों ने उसको मनी लॉड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर 11 लाख रुपये भी ऐंठ लिए। युवती ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया था। गुरुवार को पुलिस ने खुलासा किया कि यह मामला डिजिटल अरेस्ट का है।

थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि सेक्टर-34 स्थित धवलगिरी सोसाइटी निवासी सीजा टीए के पास 13 नवंबर को एक फोन आया और कॉलर ने खुद को टेलीफोन रेगुलेटरी ऑफ इंडिया का अधिकारी बताया। आरोपी ने कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके सिम कार्ड खरीदा गया है। इसका इस्तेमाल मनी लॉड्रिंग में हुआ है। इस सिम का इस्तेमाल कर दो करोड़ रुपये निकाले गए हैं।

इसके बाद उसने आगे की जांच का हवाला देकर कॉल ट्रांसफर कर दी। इसके बाद स्काइप कॉल कर कथित रूप से एक तरफ मुंबई पुलिस, दूसरी तरफ क्राइम ब्रांच और कस्टम के अधिकारी बनकर युवती को डराया धमकाया गया और करीब आठ घंटे तक स्काइप कॉल से युवती की निगरानी कर उसे घर में ही बंधक बना कर रखा गया। इस दौरान युवती से कई तरह के सवाल पूछे गए और किसी से बात करने की अनुमति नहीं दी गई। अंत में आरोपियों ने खाते में 11 लाख रुपये ट्रांसफर कराए।

थाना प्रभारी के अनुसार युवती से पांच पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की। वे सभी वर्दी पहने थे और उनके पीछे दीवार पर पुलिस का झंडा लगा था। आरोपियों ने उनके सारे दस्तावेजों की ऑनलाइन ही जांच की। आरोपियों ने युवती के पास जिस नंबर से फोन किया, वह लखनऊ के एक थाने का था। आरोपियों ने फोन नंबर का स्पूफिंग (हैक) करके इस्तेमाल किया।

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो डिजिटली अरेस्ट मे किसी व्यक्ति को उनके मोबाइल फोन पर डाउनलोड ऐप से लगातार जुड़े रहने को मजबूर किया जाता है। ऐप पर लगातार चैटिंग, ऑडियो-वीडियो कॉल कर उसे ऐप से लॉग आउट नहीं होने दिया जाता है। डरा धमकाकर रुपये भी ऐंठे जाते हैं।

थाना प्रभारी ने बताया कि पिछले 10 दिन के अंदर पांच लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने के मामले सामने आए हैं। पीड़ितों की शिकायतों की जांच की गई तो डिजिटल अरेस्टिंग की पुष्टि हुई।

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