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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC
हनीट्रैप के जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूलते थे.
नई दिल्ली: दक्षिण पूर्व जिले के साइबर पुलिस बंटी और बबली को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. जो लोगों को हनीट्रैप के जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूलते थे. पुलिस को इनके पास से 8 मोबाइल फोन, पैन कार्ड, UIDAI और डेबिट समेत 20 कार्ड बरामद किए है. इसके अलावा इनके पास से पुलिस को 15 हजार नकद, 4 पार्स, अल्प्राजोलम की अठारह गोलियां और 250 ग्राम अल्प्राजोलम पाउडर बरामद भी मिला.
दरअसल बीते 4 अक्टूबर को साइबर पुलिस को हनीट्रैप के माध्यम से ठगी की शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में लिखा था कि टैग्ड नाम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसकी दोस्ती कशिश शुक्ला नाम की लड़की से हुई थी. कुछ समय बाद दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए. एक दिन कशिश ने युवक से मिलने की गुजारिश की. शिकायतकर्ता ने उसे अपने घर आने को कहा और वह राजी हो गई.
नीलम चौक पर मिलने के बाद पीड़ित युवक उसे अपने घर ले गया. पीड़ित का कहना है इस दौरान दोनों बैठकर कोल्ड ड्रिंक पी और धोखे से कशिश ने उसमें कुछ मिला दिया. जिसकी वजह से वो बेहोश हो गया. कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने देखा कि उसका मोबाइल फोन, बटुआ जिसमें पीएनबी एटीएम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और एक जोड़ी पायल गायब थी. इसके अलावा सोने की अंगूठ, चांदी के गिलास, चांदी के कंगन, घड़ी, सोने की बाली चांदी के पांच जोड़े बिछुआ उसके घर से गायब मिले.
फिर उसे पता चला कि उसके मोबाइल से एक लाख 23 हजार रुपये का लेनदेन भी हुआ है. इसके बाद जब उसने कशिश से संपर्क करने की कोशिश की तो कोई संपर्क नहीं हो पाया. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने पीड़ित के खातों की जांच की. जिससे पता चला कि पीड़ित के फोन से लेन देन हुआ है. आरोपियों के नंबरों की सीडीआर भी खंगाली गई और उनके फोन को सर्विलांस पर लिया गया. जिससे पता चला कि आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रही है. फरीदाबाद से मसूरी और फिर मसूरी से कानपुर में लोकेशन दर्ज की गई.
लगातार निगरानी के बाद पुलिस ने कशिश को फरीदाबाद के ओयो होटल से गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ संतोष नाम का एक युवक भी था जो इस अपराध में कशिश उर्फ राखी का पूरा साथ दे रहा था. पूछताछ के दौरान दोनों ने पुलिस को बताया कि वो बॉलीवुड फिल्म बंटी और बबली से काफी प्रभावित थे.
आरोपी कशिश उर्फ राखी ने खुलासा किया कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे बदू, Hi5, विंक और टैग्ड पर पीड़ितों के साथ चैट करती थी और बाद में उन्हें अकेले में मिलने के लिए कहती थी. मिलने पर वह युवकों को बेहोश होने की गोली देती थी. इसके तुरंत बाद जब पीड़ित बेहोश हो जाते थे तो वह पीड़ितों का सामान लेकर भाग जाती थी. उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने एक ही तरीके से 20 से अधिक लोगों को ठगा है.
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