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दिवाली से पहले पेंशनर्स को गिफ्ट, सरकार कर सकती है दोगुनी पेंशन की घोषणा

jantaserishta.com
6 Nov 2020 3:53 AM GMT
दिवाली से पहले पेंशनर्स को गिफ्ट, सरकार कर सकती है दोगुनी पेंशन की घोषणा
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नई दिल्ली. EPFO के दायरे में आने वाली संगठित क्षेत्र की कंपनियों को अपने कर्मचारी को EPF (Employee Provident Fund) का लाभ उपलब्ध कराना होता है. EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है. कंपनी के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, EPFO से पेंशनर्स को दिवाली पर बढ़ी हुए पेंशन का तोहफा मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय के मिनिमम पेंशन में बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है. श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमति के चलते मिनमम पेंशन दोगुना करने घोषणा जल्द हो सकती है.

डबल हो सकती है पेंशन-सूत्रों के मुताबिक मिनिमम पेंशन 1000 रुपए से बढ़कर 2,000 रुपए हो सकती है. इस पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT-Central Board of Trustees) से 2019 में मंजूरी मिली थी. अब CBT की मिनिमम पेंशन 2,000-3,000 रुपए करने की मांग है. पेंशन दोगुना करने पर सरकार पर 2000-2500 करोड़ का बोझ आएगा. इस बढ़ोतरी से करीब 60 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा.

आपको बता दें कि प्राइवेट सेक्टर के संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद ​मासिक पेंशन का लाभ मिल सके, इसके लिए इंप्लॉई पेंशन स्कीम, 1995 (EPS) की शुरुआत की गई. EPF स्कीम, 1952 के तहत एंप्लॉयर द्वारा कर्मचारी के EPF में किए जाने वाले 12 फीसदी कॉन्ट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी EPS में जाता है. 58 साल की उम्र के बाद कर्मचारी EPS के पैसे से मंथली पेंशन का लाभ पा सकता है.

ईपीएस अकाउंट से कोई कितना पैसा निकाल सकता है? 10 साल के पहले सेवा के वर्ष जितने कम होंगे उतनी कम राशि को आप एकमुश्‍त निकाल पाएंगे. डेलॉयट इंडिया में पार्टनर सरस्‍वती कस्‍तूरीरंगन कहती हैं कि ईपीएस स्‍कीम से एकमुश्‍त निकासी की अनुमति तभी मिलती है अगर सेवा के वर्ष 10 साल से कम हैं. आपको वापस की जाने वाली रकम ईपीएस स्‍कीम 1995 में दी गई टेबल डी पर आधारित होगी.

नौकरी जाने पर ईपीाएफ खाते से पैसा निकाल लेते हैं तो क्‍या होगा? ईपीएफ स्‍कीम के तहत, नौकरी जाने पर सदस्‍य के पास पूरी रकम निकालकर खाते को बंद कराने का विकल्‍प है. खाते को बंद कराने (2 महीने से ज्‍यादा समय के लिए बेरोजगार रहने) पर ईपीएफ और ईपीएफ खाते (शर्त यह है कि सेवा के साल 10 साल से कम हों) से एकमुश्‍त पूरी रकम निकाली जा सकती है.

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