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उत्तराखंड मे अनिवार्य रूप से होगी कोरोना संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग
jantaserishta.com
22 Dec 2022 6:41 AM GMT
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देहरादून (आईएएनएस)| कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर उत्तराखंड भी सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद जल्द ही नई एसओपी (मानक प्रचलन प्रक्रिया) जारी की जाएगी। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने सभी जिलों को कोरोना संक्रमितों के 10 प्रतिशत सैंपलों को जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजने के लिए निर्देश दिए हैं। चीन समेत कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद उत्तराखंड भी निगरानी बढ़ाने के साथ जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए जिलों को निर्देश जारी किए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोनावायरस के नए स्वरूप का पता लगने के लिए दून मेडिकल कॉलेज में संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है। इसमें यह पाया गया कि कोरोना की तीसरी लहर में सामने आया ओमिक्रॉन वेरिएंट राज्य में सक्रिय है। जो घातक नहीं है।
प्रदेश में अभी तक राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून में ही कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता लगने के लिए संक्रमितों के सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही थी। जल्द ही अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। इसके लिए लैब स्थापित की जा रही है। वर्तमान में कोविड जांच के लिए 12 सरकारी लैब स्थापित हैं। इसके अलावा 30 से अधिक निजी पैथोलॉजी लैब में भी कोविड जांच हो रही है।
राज्य में कोरोना संक्रमण की सामान्य स्थिति है। प्रतिदिन औसतन दो से तीन संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को प्रदेश भर में 350 सैंपलों की जांच की गई। इसमें चार लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 29 है।
सचिव स्वास्थ डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि, प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च 2020 को देहरादून में मिला था। इसके बाद से अब तक प्रदेश में 4.49 लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। इसमें 4.31 से अधिक संक्रमित स्वस्थ हुए हैं। कोरोना से प्रदेश में 7751 लोगों की मौत हुई है।
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