कोलकाता में भी दूर्गा पूजा की धूम दिख रही है। तरह तरह के पूजा पंडाल सज चुके हैं। इस क्रम में एएनआइ से बात करते हुए एक पंडाल के सेक्रेटरी सुजीत राय ने बताया कि उनका पंडाल बांस से बनाया गया है और इस बार का थीम बच्चों के पालन-पोषण में 'मां' की भूमिका रखा गया है। उन्होंने बताया, 'पंडाल को हमने साखा पोला से सजाया है क्योंकि इसे बंगाल की सुहागन औरतें पहनती हैं।'
West Bengal: Kolkata-based 'Naktala Udayan Sangha' club has themed its Durga Puja pandal as 'Cholchitra' (migration). "We have largely focused on partition and its aftermath; recreated a train with refugees to depict the tragedy of displacement," Samrat Nandi, club member pic.twitter.com/JJ43gtJMdl
— ANI (@ANI) October 9, 2021
धार्मिक मान्यता है कि राक्षस महिषासुर पर मां दुर्गा की जीत को शरद नवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। शरद नवरात्रि के दसवें दिन विजय दशमी मनाई जाती है। नवरात्रि का यह त्योहार 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है।