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गैंगस्टर अंकित गुर्जर की मौत मामला: अधिकारी को तमाचा मारने पर बढ़ा विवाद, बंद किए गए थे सीसीटीवी कैमरे
jantaserishta.com
12 Aug 2021 2:42 AM GMT
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दिल्ली की तिहाड़ जेल में गैंगस्टर अंकित गुर्जर की पिटाई से पहले जेल में सीसीटीवी कैमरों को ऑफ कर दिया गया था. 3 अगस्त को जेल से ही रिहा हुए कैदी विकास ने इस बात का खुलासा किया है. विकास साल 2014 से ही तिहाड़ जेल में बंद था. तिहाड़ जेल प्रशासन ने विकास को सेवादार बनाया हुआ था.
कैदियों के बीच से जेल प्रशासन किसी को सेवादार नियुक्त करता है. सेवादार का काम कैदियों का मनोरंजन करना और जेल प्रशासन की मदद करना होता है. तिहाड़ जेल के कैदी और बतौर जेल में सेवादार काम करने वाले विकास की बातचीत सामने आई है.
विकास के मुताबिक, वह 2014 से जेल नम्बर 3 में बंद है. शाम को सवा 5 बजे जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट का फोन आया कि 15 अगस्त को लेकर अलार्म चेक करना है. उसने अलार्म बजाया. उसके बाद डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेंद्र मीणा 70-80 जवान अपने साथ लाया फिर जेल में सर्चिंग करने लगा. अंकित गुर्जर की चक्की में भी गया, जहां से अंकित के पास से मोबाइल और डाटा केबल बरामद हुआ.
विकास ने कहा कि इसी दौरान नरेंद्र मीणा अपने साथ अंकित गुर्जर को साइड में ले जाकर बात करने लगा. तभी नरेंद्र मीणा ने अंकित गुर्जर को थप्पड़ मार दिया. इसी बीच फिर अंकित गुर्जर ने नरेंद्र मीणा को भी थप्पड़ मार दिया. फिर नरेंद्र मीणा ने जेल के सीसीटीवी बंद करवाए और अपने साथ 30-35 स्टाफ बुला लिया. अपने स्टाफ को उन्होंने आदेश दिया कि अंकित गुर्जर को रिमांड रूम तक लेकर आओ. फिर उसके बाद अंकित को तब तक मारा गया, जब तक वह बेहोश नहीं हो गया.
विकास ने कहा कि बेहोश होने के बाद अंकित गुर्जर को हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहा गया. विकास भी जेल के हॉस्पिटल गया. फिर अंकित को डीडीयू हॉस्पिटल रेफर करने के लिए कहा गया. लेकिन उसे हॉस्पिटल रेफर नहीं किया गया, जेल में डाल दिया गया.
अब विकास का बयान दिल्ली पुलिस दर्ज करेगी, साथ ही साथ विकास अदालत में भी गवाही के लिए भी प्रार्थनापत्र लगाएगा.
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