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लुधियाना: हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई मामलों में पुलिस को वांछित गैंगस्टर अजय पंडित को कमिश्नरेट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी गैंगस्टर अजय पंडित को हिमाचल प्रदेश के ऊना स्थित बसौली गांव से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को गुप्त सूचना के तहत गिरफ्तार कर उसके कब्जे से दो 32 बोर की पिस्तौल और चार कारतूस भी बरामद किए हैं।
एक साल पहले जमानत पर जेल से बाहर आए गैंगस्टर अजय पंडित ने भामियां कलां स्थित हुंदल चौक में साथियों सहित मिल पारस खत्री को तेजधार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। उसके बाद से ही आरोपी लगातार फरार चल रहा था। पुलिस काफी समय से आरोपी की तलाश में जुटी थी। अजय पंडित पंजाब पुलिस से बच कर हिमाचल प्रदेश के ऊना स्थित एक गांव में भेस बदल कर रह रहा था।
पंडित को गिरफ्तार करने के लिए एडीसीपी तुषार गुप्ता, इंस्पेक्टर बेअंत जुनेजा और इंस्पेक्टर बिक्रमजीत सिंह की अगुवाई में टीम गई थी। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वह किससे शरण लेकर वहां रह रहा था।
पुलिस कमिश्नर मंदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि अजय पंडित ने पिछले साल हुंदल चौक में पारस खत्री और अभिषेक पर तेजधार हथियार से हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया था। पारस की तो मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि अभिषेक तब से घायल है। इस मामले में अजय पंडित उसके भाई और कई लोगों को कमिश्नरेट पुलिस ने नामजद किया था। अजय पंडित के भाई को तो पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि अजय पंडित साथियों सहित फरार चल रहा था। कमिश्नरेट पुलिस आरोपी को हत्या, हत्या के प्रयास सहित कई मामलों में ढूंढने में लगी थी। डिविजन सात के इलाके में हुई मारपीट के एक मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। आरोपी पिछले काफी लंबे समय से इस मामले में भगौड़ा चल रहा था।
गैंगस्टर अजय पंडित के खिलाफ मारपीट, लूटपाट, जुआ सहित कई मामले दर्ज थे। अजय पंडित को उस समय काबू किया गया था जब उसने महानगर के आईपीएस अधिकारी रह चुके स्वप्न शर्मा पर भी गोलियां चला दी थी। मगर आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा ने अपनी जान की परवाह न करते हुए काफी दूर तक अजय पंडित का पीछा किया था और उसे दबोच लिया था। उन्होंने ही अजय पंडित के नाम का शहर से दबदबा खत्म किया था। इस दौरान अजय पंडित के साथियों को भी काबू किया गया था और सभी को एक साथ जेल भेजा गया था। उसके बाद अजय पंडित काफी समय तक जेल में रहा। करीब एक साल पहले जेल से जमानत पर बाहर आया अजय पंडित फिर से अपना गिरोह तैयार करने में लग गया। उसने कई छिटपुट वारदातों को अंजाम दिया, लेकिन पुलिस के पास मामले जाने के बजाय समझौते होते रहे।
गुरु अर्जुन देव नगर इलाके में हलवाई की दुकान चलाने वाले बिशनदास पंडित की पंडित स्वीटशाप के नाम से दुकान है। इलाके में उनका काफी नाम है। लोग उन्हें प्यार से पंडित जी कहकर बुलाते है, लेकिन उनके बेटे अजय पंडित ने उनका नाम खराब किया ही साथ ही छोटे बेटे राजन पंडित ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने भी महानगर के गैंगस्टरों के साथ मिल कई वारदातों को अंजाम दिया है।
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