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गुस्से में घर छोड़कर निकली किशोरी से गैंगरेप, 3 आरोपी गिरफ्तार

Triveni
2 Aug 2021 1:15 AM GMT
गुस्से में घर छोड़कर निकली किशोरी से गैंगरेप, 3 आरोपी गिरफ्तार
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महाराष्ट्र में नाबालिग किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है।

महाराष्ट्र में नाबालिग किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने रविवार को बताया कि किशोरी घरवालों से नाराज होकर घर निकली थी। इस दौरान उसके साथ दो अलग-अलग स्थानों पर कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों में से चार ऑटोरिक्शा चालक शामिल हैं। गुरुवार की रात तिमकी इलाके में चार लोगों ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद मायो अस्पताल चौराहे के पास दो और लोगों ने ऑटोरिक्शा में उसका यौन उत्पीड़न किया।
आगे बताया कि लड़की अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती है। वह घर में अपनी भाभी से झगड़कर घर को छोड़ आई थी। उसके बाद उसके एक दोस्त ने से अपने ऑटोरिक्शा से लोहापुल इलाके में छोड़ दिया जहां वह एक ऑटोरिक्शा चालक से मिली, जिसकी पहचान बाद में मोहम्मद राशिद (25) के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि लड़की के पास पैसे नहीं थे, उसने शाहनवाज से मदद मांगी। साथ ही पैसे और रहने की जगह की मांग की। लेकिन आरोपी शाहनवाज ने मदद के बहाने उसे अपने ऑटोरिक्शा में बिठाया और एक शराब की दुकान पर ले गया। वहां उसने शराब पी और लड़की को जबरन पिलाया।
इसके बाद वह लड़की को एक किराए के घर में ले गया, जहां दो लोग पहले से ही रहते थे, वे दोनों नागपुर रेलवे स्टेशन पर काम करते हैं। यहां लड़की के साथ शाहनवाज उसके दोस्त तौशीफ साथ ही दो और लोगों ने दुष्कर्म किया। बाद में शाहनवाज लड़की को अपने तिपहिया वाहन से मेयो अस्पताल चौक ले गया और वहीं छोड़ गया।
अधिकारी ने बताया कि उसके वहां से जाने के बाद दो अन्य ऑटोरिक्शा चालक लड़की के पास पहुंचे और उसे जबरन अपने तिपहिया में ले गए, जहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया।
अधिकारी ने कहा कि गनीमत यह रही कि देर रात दो लोगों ने उसे सड़क पर अकेला खड़ा देखा और मामले की जानकारी ली। लड़की ने उनसे कहा कि उसे कुछ पैसों की जरूरत है ताकि वह नासिक के लिए ट्रेन में चढ़ सके, उन्होंने उसे कुछ पैसे दिए।
नागपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद, लड़की ने ट्रेन का टिकट खरीदा और प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आ गई, जहां सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की एक गश्ती टीम ने उसे देखा। कुछ गड़बड़ होने का शक होने पर जीआरपी कर्मियों ने उसे विश्वास में लिया और फिर बाल देखभाल केंद्र को सौंप दिया।


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