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भारी बरसात के कारण गंगोत्री-बदरीनाथ नेशनल हाईवे दूसरे दिन भी बंद, जगह-जगह फंसे यात्री

Tulsi Rao
28 Aug 2021 6:09 PM GMT
भारी बरसात के कारण गंगोत्री-बदरीनाथ नेशनल हाईवे दूसरे दिन भी बंद, जगह-जगह फंसे यात्री
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उत्तराखंड में भारी बरसात के हुए भूस्खलन की वजह से नेशनल हाईवे बंद हैं। एनएच बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंसे हुए हैं। गंगोत्री व बद्रीनाथ हाईवे दूसरे दिन भी बंद रहे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में भारी बरसात के हुए भूस्खलन की वजह से नेशनल हाईवे बंद हैं। एनएच बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंसे हुए हैं। गंगोत्री व बद्रीनाथ हाईवे दूसरे दिन भी बंद रहे। जिससे आम लोगों को आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ा। जिला प्रशासन की हिदायत के चलते दोनों बंद हाईवे पर आवाजाही को दूसरे भी पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा गया। गंगोत्री हाईवे के अभी तीन दिनों तक खुलने के आसार नहीं है। बद्रीनाथ हाईवे भी कल तक खोले जाने के आसार हैं।

भारी बरसात के बाद गंगोत्री व बदरीनाथ राजमार्ग व ग्रामीण सड़कें बंद होने से आम लोगों की आवाजाही दूसरे दिन भी बुरी तरह से प्रभावित रही है। जनपद के प्रमुख दो राजमार्गों में राजमार्ग 94 (गंगोत्री हाईवे) फकोट में भिन्नु गांव के पास लगभग 35 मीटर वाशआउट होने व राजमार्ग 58 (बद्रीनाथ हाईवे) अतिवृष्टि के कारण विभिन्न स्थानों पर बंद होने से देहरादून-ऋषिकेश जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग वैकल्पिक सड़कों का प्रयोग कर रहे हैं।
बारिश के बीच आम लोगों की सुरक्षा का देखते हुये जिला प्रशासन ने एनएच 94 व 58 को सामान्य होने तक तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। दूसरे दिन भी आवाजाही प्रतिबंधित रखी गई है। डीएम इवा श्रीवास्तव ने बीआरओ व एनएच के अधिकारियों को दोनों राजमार्गों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिये हैं।बीआरओ के कमांडेंट समीर मदान का कहना है कि फकोट के पास वाशआउट पैच को ठीक करने में दो से तीन दिन का का समय लगेगा। गंगोत्री हाईवे अन्य स्थानों पर ठीक कर खोल दिया गया है।
इसी तरह से बद्रीनाथ हाईवे को कल शाम तक खोलने का दावा आपदा प्रबंधन विभाग ने किया है। दोनों की राजमार्गों को खोलने की कार्यवाही जारी है। मशीनों ने मौके पर पहुंचकर देर शाम से काम शुरू कर दिया है। बारिश के कारण जनपद में 12 ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गई हैं, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीएम इवा श्रीवास्तव का कहना है कि लोगों की परेशानी को देखते हुये सम्बंधित विभागों को जल्द से जल्द सड़कें खोलने के निर्देश दिये गये हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुये वैकल्पिक मार्गों से आवाजाही करवाने का काम सुचारू रूप से किया जा रहा है।
ऋषिकेश-श्रीनगर हाईवे पर रविवार से वाहनों का संचालन शुरू हो सकता है। जबकि, भारी बरसात के बाद आए भूस्खलन से बंद ऋषिकेश-चंबा हाईवे खुलने में अभी सप्ताहभर का समय लग सकता है। शनिवार को श्रीनगर हाईवे पर सुबह नौ बजे से तीन घंटे तक वाहन चले। लेकिन दोपहर के समय तोताघाटी में चट्टान टूटने से हाईवे फिर बाधित हो गया। दोनों हाईवे बाधित होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। शनिवार सुबह नौ बजे ऋषिकेश-श्रीनगर रूट पर वाहनों का संचालन शुरू कर दिया गया।
लेकिन दोपहर 12 बजे के आसपास तोताघाटी में चट्टान टूटने से हाईवे फिर बंद हो गया। तोताघाटी में दोनों और वाहन फंसने से लोग परेशान हो गये। एनएच निर्माण में लगी कंपनियां मलबा हटाने में जुट गई है। विभाग ने दावा किया कि रविवार सुबह से वाहन हाईवे पर चलने लगेंगे। उधर,एनएच और बीआरओ ऋषिकेश-चंबा हाईवे की मरम्मत में जुट गया है। लेकिन हाईवे का बड़ा भाग ढहने से अभी एक सप्ताह का समय मार्ग खुलने में लग सकता है।
हाईवे बाधित होने पर शनिवार को पुलिस ने भद्रकाली और तपोवन चेकपोस्ट से वाहन वापस भेजे। शनिवार को पर्वतीय क्षेत्र में जाने वाले वाहन मसूरी-चंबा-टिहरी होकर श्रीनगर और ऋषिकेश-मोहनचट्टी-गुमखाल होकर श्रीनगर के बीच चले। दोनों मार्ग बाधित होने से करीब 65 किलोमीटर की दूरी बढ़ गई है। डीएम टिहरी इवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि फकोट के पास क्षतिग्रस्त हाईवे को ठीक करने का काम शुरू कर दिया गया है। ऋषिकेश-चंबा हाईवे खुलने में अभी समय लगेगा। लेकिन ऋषिकेश-श्रीनगर हाईवे पर रविवार से वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
दोनों मार्ग बंद होने से रूट डायवर्ट किया
ऋषिकेश-श्रीनगर और ऋषिकेश-चंबा दोनों हाईवे बाधित होने पर वाहन ऋषिकेश-देहरादून-मसूरी-सुवाखोली-चंबा होकर टिहरी, श्रीनगर और ऋषिकेश-मोहनचट्टी-गुमखाल-देवप्रयाग होकर श्रीनगर आ जा रहे है। एसओ लक्ष्मणझूला प्रमोद उनियाल ने बताया कि दोनों मार्ग बाधित होने पर वाहन ऋषिकेश-मोहनचट्टी-गुमखाल होकर श्रीनगर आ जा रहे है।
15 घंटे बाधित रहा नीलकंठ मोटरमार्ग
मूसलाधार बारिश से नीलकंठ मोटरमार्ग पर शुक्रवार शाम 6 बजे भारी मात्रा में मलबा आ गिरा। जिससे मार्ग रात भर बाधित रहा। सुबह 7 बजे से मलबा हटाने का कार्य शुरू हो पाया। करीब 9 बजे मार्ग पर वाहन चलने लगे।बीते तीन दिन से मोटरमार्ग बार-बार बाधित हो रहा है।
कुमाऊं में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, करीब तीन दर्जन सड़कें बंद
हल्द्वानी। कुमाऊं में पहाड़ों में रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। भूस्खलन और पहाड़ी से मलबा गिरने से कुमाऊं में करीब तीन दर्जन सड़कें बंद हो गई हैं। टनकपुर-चम्पावत हाईवे छठे दिन भी बंद रहा। पिथौरागढ़ जिले में हाईवे समेत 14 से अधिक सड़कें, बागेश्वर आठ, चम्पावत में हाईवे समेत पांच, नैनीताल जिले में एनएच समेत चार, अल्मोड़ा में तीन सड़कें बंद हैं। इससे लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
शनिनवार को नैनीताल-हल्द्वानी रोड पर दोगांव के पास सड़क का आधा हिस्सा भूस्खलन से ढह गया। वहीं हल्द्वानी-भीमताल मार्ग पर रानीबाग पुल, ज्योलीकोट-भवाली रोड पर वीरभट्टी पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घंटों जाम लगा रहा। नैनीताल-ज्योलीकोट हाईवे बंद होने से पांच किलोमीटर लंबा जाम लग गया। चम्पावत में स्वाला के पास हाईवे छठे दिन भी नहीं खुल सका।
यहां दमकल वाहन से पानी की बौछार कर एनएच को खोलने की कोशिश की। हाईवे बंद होने से चम्पावत में जगह-जगह माल भरे ट्रक और कैंटर फंसे हुए हैं। वहीं टनकपुर में पूर्णागिरि मार्ग सड़क पर मलबा आने से बंद हो गया है। बागेश्वर जिले में भूस्खलन से आठ, अल्मोड़ा जिले में पांच सड़कें बंद हो गई हैं। बागेश्वर के कांडा में एक जीप पर पेड़ गिर गया। गनीमत रही की उस समय जीप से यात्री उतर चुके थे।
घंटों रहा यातायात प्रभावित
नैनीताल में हल्द्वानी-भीमताल मार्ग में रानीबाग पुल, ज्योलीकोट-भवाली मार्ग में वीरभट्टी पुल के क्षतिग्रस्त होने से मुख्य मार्ग पर यातायात प्रभावित रहा। मार्ग को फिलहाल हल्के वाहनों के लिए दुरुस्त कर दिया गया है। भारी वाहनों को नैनीताल से बाया रूसी बाईपास से कालाढूंगी होकर हल्द्वानी भेजा जा रहा है। नैनीताल की ठंडी सड़क क्षेत्र में अचानक बारिश के दौरान भारी बोल्डर गिर गया। गनीमत रही कि यहां से गुजर रहे राहगीर बाल-बाल बच गए। बारिश के चलते जिले में रामनगर-तल्लीसेठी, बोहरागांव-देवीधुरा, वलना-बलना और टकूरा-थराड़ी मार्ग बंद हैं।
धारचूला में 110.40 मिमी बारिश
पिथौरागढ़ के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। धारचूला में 110.40 मिमी से अधिक बारिश हुई है। जिससे काली नदी उफान पर बह रही है। नदी चेतावनी के निशान 889 मीटर से महज 15 सेमी नीचे बह रही है। मुनस्यारी में 54.20 मिमी बारिश हुई है। इससे गोरी नदी भी उफना पर है। रामगंगा व सरयू नदी का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। उधर चम्पावत जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के मुताबिक जिले में बीते 24 घंटे में चम्पावत में पांच, बनबसा में 85 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।


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