घातक हथियार बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, इसमें महिलाएं भी शामिल
यूपी। तीन साल से प्रतिबंधित बोर के हथियारों और कारतूसों की सप्लाई के लिए गिरोह ने नया नेटवर्क तैयार कर लिया है। गिरोह में महिलाएं भी शामिल की गई है। इनकी मदद से गिरोह के लोग अब मुख्य शहरों की बजाए छोटे शहरों में हथियार पहुंचा रहे हैं, फिर यहां से इनके एजेन्ट इन हथियारों व कारतूसों की खेप को तय स्थान पर भिजवा देते हैं। कारतूसों की खरीद फरोख्त के लिए फर्जी शस्त्र लाइसेंस और आधार कार्ड छोटे जिलों में तैयार कराये जा रहे हैं। इन जिलों में पुलिस की नजर से बचे रहते है। आगरा में एटीएस के हत्थे चढ़े मैनपुरी के अंकित कुमार चौहान उर्फ कृष्णा ठाकुर से कई घंटे की पूछताछ में ऐसे ही कई खुलासे हुए हैं। एटीएस इस आधार पर ही अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।
एटीएस के मुताबिक, अंकित ने खुलासा किया कि गिरोह में कई महिलाएं भी है। इन्हें साथ रखने से पुलिस की चेकिंग से बच जाते है। इन महिलाओं का सरगना पिंकी है। महिलाओं की चेकिंग कम होती है। इसका फायदा गिरोह उठाता रहता है। उसने बताया कि कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में पिंकी पकड़ गई थी जिसकी उन लोगों ने जमानत करा ली थी।
अंकित ने एटीएस को यह कहकर चौंकाया कि उसने कुछ समय में ही लाखों रुपये के असलहे बेचे है। इसमें कई असलहों की कीमत दो से चार लाख रुपये तक थी। इन्हें मध्य प्रदेश व उड़ीसा से 25 से 75 हजार रुपये में खरीदा था। उसने असलहों की सप्लाई लेने वाले कुछ लोगों के नाम बताये हैं। हालांकि इनकी सच्चाई एटीएस परख रही है। एटीएस को पूछताछ में पता चला कि शिकोहाबाद निवासी प्रवीण वर्मा और फिरोजाबाद का नितिन हथियारों की सप्लाई लाता है। फिर गिरोह के आगरा, सूर्य लोक कालोनी निवासी मुकुल भारती, आगरा निवासी मुस्लिम चौधरी, विशेष कुमार, शमशाबाद निवासी आकाश, सेवला जाट निवासी राजू चाहर, फिरोजाबाद-टूण्डला निवासी राहुल, नोएडा सेक्टर 63 निवासी निखिल यादव और आगरा के कमलानगर निवासी शिव कुमार के जरिये असलहे व कारतूसों को बेचते हैं।
एटीएस के मुताबिक, इस गिरोह ने 10 महीने पहले शिकोहाबाद के प्रवीण वर्मा से मल्होत्रा एण्ड संन्स कंपनी की एक चैम्पियन पिस्टल चार लाख रुपये में खरीदी थी। फिर इसे कुछ समय में ही अहमदाबाद के मो. अली नाम के युवक को साढ़े चार लाख रुपये में बेच दी। कई बार देशी असलहों को भी आधुनिक पिस्टल बताकर कई प्रदेशों में बेचा है।