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नागौर: राजस्थान के नागौर जिले में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप के बाद हत्या का मामला सामने आया है. आरोपियों ने पहले युवती का अपहरण किया, फिर गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. उधर, दलित युवती की अपहरण और फिर गैंगरेप की हत्या के मामले ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया है.
मामला नागौर के डीडवाना कस्बे के पालोट गांव का बताया जा रहा है. विपक्ष का आरोप है कि पकड़े गए आरोपी असली मुजरिम नहीं है. पुलिस कहीं ना कहीं असली कातिलों को बचाने में लगी हुई है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि जिस तरह से पुलिस का रवैया पहले दिन से ही ढुलमुल रहा है, वह भी एक प्रश्न पैदा करता है कि पुलिस ने इस पूरे मामले को इतने हल्के में कैसे लिया?
विपक्ष का आरोप है कि मामूली गुमशुदगी दर्ज करके पुलिस ने मृतका के परिजन को टरकाने का प्रयास किया. लेकिन जब गंभीर घायल अवस्था में युवती एक खाई में पड़ी मिली, फिर उसके बाद से पुलिस एक्टिव हुई. आनन-फानन में जिले में नव पदस्थापित कप्तान ने कार्रवाई करते हुए डीडवाना थाने के थाना अधिकारी नरेंद्र जाखड़ और जांच के अधिकारी प्रह्लाद सिंह को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया था. लेकिन इतना सब कुछ काफी नहीं लगता है क्योंकि इस पूरे मामले में पुलिस की कमजोर कार्यप्रणाली की वजह से एक महिला की जान चली गई.
उधर, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके नेताओं को इस मामले में लपेटने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने जिस तरह से कल रात को अचानक मृतका के शव को सवाई मानसिंह अस्पताल से उठाकर कहीं और शिफ्ट किया है, यह भी एक गंभीर विषय है. मृतका के परिजनों को अभी तक यह नहीं पता है कि उनकी बेटी का शव कौन से अस्पताल में रखा हुआ है और आगे क्या होगा.
इसी मामले को लेकर नागौर के डीडवाना उपखंड कार्यालय के बाहर एक धरना भी जारी है जिसमें यह मांग उठाई जा रही है कि मृतका के परिजनों को आर्थिक पैकेज दिया जाए और परिवार में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. साथ ही मांग की गई है कि जिन्हें पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है उन्हें भी इस मामले में गिरफ्तार किया जाए.
उधर, सोमवार को डीडवाना कस्बे सहित आसपास के तीन-चार कस्बों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. यह पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है. इधर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग नारायण बेनीवाल और इंदिरा बावरी ने यह बयान दिया है कि वह इस मामले में नियुक्त की गई संघर्ष समिति के साथ हैं जो भी उनका निर्णय होगा वह उनके साथ खड़े रहेंगे और मृतका के परिजनों को न्याय दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे.
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