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विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, ऐसे लगाते चूना

jantaserishta.com
30 March 2024 4:05 AM GMT
विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, ऐसे लगाते चूना
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जयपुर: राजस्थान की गुलाबी नगरी यानी जयपुर विश्व पटल पर अपनी ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटन के लिए मशहूर हैं. यहां देशी-विदेशी टूरिस्ट इसके दीदार के लिए आते रहते हैं. उन्हें ठगने के लिए, धोखेबाजी करने के लिए यहां कई टप्पेबाज मिल जाते हैं. जयपुर पुलिस ने एक ऐसी गैंग का पर्दाफाश किया हैं, जो विदेशी पर्यटकों खासकर जापान से आने वाले टूरिस्ट के साथ धोखाधड़ी कर उन्हें कंगाल कर देते थे.
सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह में फर्जी पुलिसवालों से लेकर जापानी भाषा बोलने वाला ऑटो चालक भी है. यही नहीं, इस गैंग में पार्टी ऑर्गेनाइज करवाने वाले शातिर से लेकर घुमाने वाला गाइड और फर्जी पुलिसकर्मी तक शामिल हैं. सबका रोल फिक्स था और बड़ी चालाकी से विदेशी पर्यटकों को वे शिकार बनाते थे.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि जयपुर शहर में विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी की सूचना मिली थी. इस पर कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी करने वाले गैंग के सरगना असगर खान, उसके साथी शरीफ बैक और कयूम मुसलमान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मगर, 3 शातिर अभी भी फरार हैं, जो फर्जी पुलिसकर्मी बनकर वारदात को अंजाम देते थे. उनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही हैं.
इस गिरोह ने 2 दिसंबर 2022 को जापान के सासो ताकेशी के साथ लाखों की धोखाधड़ी की थी. इस मामले की शिकायत 28 मार्च 2024 को ई-मेल के जरिए पर्यटन थाना पुलिस को मिली. इसमें पीड़ित ने बताया कि 2 साल पहले वह जयपुर घूमने आया था और यहां कबीर मार्ग पर होटल मोरबी इन में ठहरा था.
अगले दिन जयपुर घूमने के लिए निकला, तभी होटल के बाहर उसे एक ऑटो चालक मिला. उसका नाम शरीफ था और वह जापानी भाषा भी बोल रहा था. उससे जयपुर घुमाने के बदले 600 रुपये में सौदा तय हुआ था. दिनभर घूमने के बाद उससे उसकी अच्छी दोस्ती हो गई.
इसी दौरान शरीफ ने शाम को बोला कि वह उसे अपने दोस्त के घर ले चलेगा, जहां पार्टी करेंगे. इस पर प्रभावित होकर उसके साथ चल दिया और शरीफ ने अपने एक दोस्त कयूम को भी साथ में बुला लिया. फिर उसे झोटवाड़ा में असगर के घर लेकर गए, जहां एक व्यक्ति मुबारिक पहले से मौजूद था.
वहां जाकर सभी ने खाना खाया और पार्टी भी की. फिर शरीफ और अन्य लोगों ने असगर को बहुत बड़ा व्यक्ति बताया, जो बड़े-बड़े सामाजिक काम करता है. इस पर असगर ने जापानी पर्यटक से कहा कि वह उसे भी बिजनेस कराएगा और भारी मुनाफा भी दिलवाएगा.
फिर पीड़ित रात को होटल आ गया और अगले दिन गंगा नदी देखने का प्लान किया. मगर, शरीफ और कयूम ने उसे टोकते हुए असगर के गांव में बहुत बड़ी पार्टी का कहकर सीकर के रामगढ़सेठान लेकर गए, जहां उसे दो दिन तक रखा. इसके बाद 6 दिसंबर 2022 की रात को अचानक दो ‘फर्जी’ पुलिसकर्मी मकान के अंदर आए.
भांग का धंधा करने की बात बोलकर उसे जेल भेजने की धमकी देने लगे. तब असगर ने पुलिसकर्मियों से पैसे लेकर छोड़ने की बात की. इस पर उसके पास जो नगदी थी वह ले ली. मगर, फर्जी पुलिसकर्मी इस पर संतुष्ट नहीं हुए, तो असगर ने उन्हें केडिट कार्ड से गोल्ड देकर पीछा छुड़ाने की बात कही.
इस पर अगले दिन ये सभी लोग उसे जयपुर लेकर आए. जहां दो बड़े शोरूमों से उसके क्रेडिट कार्ड से करीब 26 लाख 50 हजार रुपये का सोना खरीदने को मजबूर किया. इसके बाद उससे हड़प कर सासो ताकेशी को एयरपोर्ट पर छोड़ दिया. इसके बाद उसके जापान पहुंचने पर असगर ने उससे व्हाटसअप चेटिंग कर करीब 02 लाख 87 हजार रुपये मुबारिक के खाते में और डलवा लिए.
सासो ताकेशी को इसके बाद धोखाधड़ी का संदेह हुआ. तब ईमेल के जरिए उसने रिपोर्ट दी. जिस पर पुलिस ने धारा 419, 420, 406, 384,120 आईपीसी और 13(1) (2) राजस्थान पर्यटन अधिनियम 2010 के तहत केस दर्ज कर घटना में शामिल सरगना सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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