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गिरोह पकड़ाया: दूल्हा बनने चले थे, दिल तोड़ चले गई दुल्हनिया! ऐसे बनाते थे अपना शिकार
jantaserishta.com
12 Oct 2022 5:29 AM GMT
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DEMO PIC | न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
दो CPU, दो मॉनिटर, कीबोर्ड, 30 रजिस्टर, 9 जाली आधार कार्ड, 7 एटीएम कार्ड, 18 मोबाइल फोन भी पुलिस ने बरामद किए.
प्रयागराज : प्रयागराज पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मिलकर ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो शादी की फर्जी मेट्रोमोनियल साइट बनाकर लोगों से ठगी करता था. यह गैंग अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर भी चलता था. इसमें 3 लड़के और 5 लड़कियों काम करती थीं. जिन्हें पुलिस ने अरेस्ट किया है, इनसे सख्ती से पूछताछ की जा रही है. पकड़े गए गिरोह के पास से दो CPU, दो मॉनिटर, कीबोर्ड, 30 रजिस्टर, 9 जाली आधार कार्ड, 7 एटीएम कार्ड, 18 मोबाइल फोन भी पुलिस ने बरामद किए.
पुलिस ने बताया कि यह गैंग प्रयागराज से ऑपरेट करता था. इनका नेटवर्क 6 स्टेट में फैला हुआ था. IG राकेश सिंह ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य फर्जी मेट्रोमोनियल साइट बनाकर बैचलर युवकों को ठगा करते थे. जो युवक अपनी शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं. जिस महिला से युवक शादी करना चाहता था.
ये लोग उस महिला का फर्जी आधार कार्ड सहित अन्य प्रोफाइल बनाकर युवक को प्रोवाइड करा देते थे. इसके बाद लड़की से मीटिंग और बात कराने के नाम पर 4 से 6 हजार रुपये लेते थे. दो, तीन दिन तक लड़की फोन पर बात करती फिर ये लोग मना कर देते थे कि लड़की आपसे शादी के लिए तैयार नहीं या उसकी शादी दूसरी जगह तय हो गई है, यह कह कर शादी से इंकार कर देते थे. ये शातिर बदमाश एक दिन में 10 से 40 लोगों को अपना शिकार बनाते थे.
यह गैंग असली मैट्रिमोनियल में लड़की के नाम से रजिस्ट्रेशन कराकर डेटा इकठ्ठा करता था. कॉलिंग करने वाली लड़कियां शादी के लिए उतावले लड़कों को कॉल करती थीं. अपनी फर्जी साइट से उनको सुंदर लड़कियों की फोटो और जानकारी भेजती थीं. मॉडल और फेसबुक से लड़कियों की फोटो लेकर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे शातिर ठग. इसके बाद कॉलिंग करने वाली लड़कियां दूल्हे से फोन पर मीठी-मीठी बात करती थीं. रुपये जमा होने के दो से तीन दिन बाद शादी से इनकार कर उस नंबर को ब्लॉक कर देती.
इस गैंग ने रायल मेरी, पार्टनर प्रोफाइल, पवित्र रिश्ता जैसी साइट बना रखी थी. इनके जरिए ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. यह गिरोह दो से तीन महीनों में शहर को बदल देते हैं और जिस नंबर का ये प्रयोग करते हैं. वह भी बाद में बदल कर दूसरा नंबर इस्तेमाल करने लगते हैं. 2 साल पहले भी प्रयागराज में इस प्रकार का कॉल सेंटर एक गैंग द्वारा संचालित किया गया था. एक फर्जी काल सेंटर राजापुर टीवी टावर के पास चलाया जा रहा था.
IG डॉक्टर राकेश सिंह के मुताबिक पकड़े गए गिरोह से जब पूछताछ की गई. तो इन्होंने कई बड़े खुलासे किए. इस गिरोह का सरगना रितिक कुमार कुरई 5वीं क्लास तक पढ़ा है. इसके 2 सदस्य छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. जबकि पांच लड़कियां प्रयागराज की रहने वाली हैं, जिन्हें 5 हजार रुपये में हायर किया है. राकेश सिंह का कहना है कि गैंग के सरगनाओं ने देश में कई शहरों में इसी तरह से काल सेंटर चला रहे थे. यह लोग शहर में ज्यादा दिन तक अपना सेंटर नहीं चलाते थे. दो से तीन महीनों में शहर बदल देते हैं. साथ ही कॉलिंग के लिए जिन सिम का इस्तेमाल किया जाता. वो भी लोगों को फर्जी नाम पते पर उपलब्ध कराई जाती थी.
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