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करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश....मास्टर माइंड समेत 3 आरोपी गिरफ्तार

Admin2
28 Dec 2020 4:14 PM GMT
करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश....मास्टर माइंड समेत 3 आरोपी गिरफ्तार
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पुलिस की बड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बायोमेट्रिक क्लोनिंग के ज़रिए कई लोगों को चूना लगा चुका है. पुलिस की मानें तो इस गैंग ने कई राज्यों में लोगों को अपना शिकार बनाकर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है. पुलिस ने इस गैंग के सरगना समेत तीन शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. आला अफसरों ने इस गैंग को बेनकाब करने वाली टीम को नकद इनाम देने की घोषणा भी की है. बस्ती के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के आदेश पर जनपद में अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में साइबर अपराधियों पर भी पुलिस की नजर है. साइबर सेल के प्रभारी एसआई मजहर खान ने बताया कि 1 जुलाई 2020 को प्रेम चन्द्र नामक व्यक्ति ने थाना कोतवाली पर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके दो बैंक खातों से अलग अलग तिथियों में दस-दस हजार करके 60 हजार रुपये निकाले गए हैं. इस शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इस तरह की शिकायतें पुलिस को पहले भी मिली थीं.

लिहाजा, पुलिस गंभीरता से मामले की तह तक जाना चाहती थी. सीओ सदर गिरीश कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रामपाल यादव, साइबर सेल के प्रभारी एसआई मजहर खान, प्रभारी सर्विलंस सेल एसआई जितेन्द्र सिंह की एक संयुक्त टीम ने इस गैंग को पकड़ने के लिए जाल फैलाया. इसी दौरान रविवार को इस टीम ने अर्श फैमिली रेस्टोरेन्ट, बड़ेबन, थाना कोतवाली क्षेत्र में दबिश देकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पकड़े गए शातिर बदमाशों की पहचान जितेन्द्र कुमार चौहान उर्फ जितू, आकाश और भूपेन्द्र कुमार चौधरी उर्फ गुड्डू चौधरी निवासीगण जनपद गोरखपुर के रूप में हुई है. जितेन्द्र उर्फ जितू इस साइबर क्राइम गैंग का सरगना है. पुलिस ने इन तीनों के कब्जे से 4 लाख रुपये की नकदी, एक स्कार्पियो कार, एक मोटर साईकिल, एक देसी तमंचा .315 बोर, जिन्दा कारतूस .315 बोर, 4 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 17 एटीएम कार्ड, विभिन्न लोगों के 5 आधार कार्ड, 4 पैन कार्ड, 1 वोटर आईडी कार्ड, 1 डीएल, 2 सिम कार्ड और 1 फिंगर प्रिन्ट स्कैनर मार्फो मशीन बरामद की है.

कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रामपाल यादव के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि जितेन्द्र कुमार चौहान ही इस गैंग का मुखिया है. इस गैंग के लोग सबसे पहले फर्जी आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर के जरिए विभिन्न बैंको में खाता खुलवाते हैं. फिर उसका बैंक का एटीएम हासिल कर लेते हैं. फिर इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से रबर मोहर आदि तैयार करवाकर AEPS ट्राजंक्शन एप्लीकेशन पर फर्जी नाम से ही रजिस्ट्रेशन करते हैं. फिर फर्जी एजेन्ट आईडी क्रिएट की जाती है.

उस आईडी का प्रयोग कर आधार कार्ड और डुप्लिकेट अंगुठे के क्लोन का प्रयोग कर आधार कार्ड से लिंक व्यक्ति के खाते मे AEPS के माध्यम से रुपया निकालकर अपने फर्जी खाते मे भेज देते हैं. फिर एटीएम की मदद से वो रकम निकाल लेते हैं. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनके गैंग के सदस्य जितेन्द्र पाण्डेय की शहर में एससी ग्राफिक्स की दुकान है. वहीं बैठकर ये लोग ठगी और धोखाधड़ी की योजना बनाते हैं.

धोखाधड़ी के आने वाली रकम ये चारों आपस में बराबर-बराबर बांट लेते हैं. आरोपियों ने बताया कि इनका गैंग करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है. ये लोग उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य प्रदेशों में भी इस तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. इस गैंग ने पिछले एक साल में लगभग 83 लाख रुपये विभिन्न व्यक्तियों के बैंक खातों से AEPS के माध्यम से निकाले हैं. साइबर सेल के प्रभारी एसआई मजहर खान ने बताया कि इस रकम की मदद से ही गैंग के सरगना जितेन्द्र कुमार चौहान ने गोरखपुर के सहजनवा में करीब 32 लाख रुपये खर्च कर कपड़े का कारखाना लगाया है. इस गैंग के सदस्यों ने ठगी के रुपयों से जो भी सम्पत्ति अर्जित की है. उसे जब्त करने की कार्रवाई 14 (1) गैंगस्टर एक्ट के तहत की जाएगी.

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