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नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग का खुलासा, छह गिरफ्तार

Shantanu Roy
16 Jan 2023 1:03 PM GMT
नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग का खुलासा, छह गिरफ्तार
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जौनपुर। लाइन बाजार थाना व एसओजी की संयुक्त पुलिस टीम ने सोमवार को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अन्तरजनपदीय गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह में शामिल दो महिला सहित छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अपर पुलिस अधीक्षक शहर डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि मड़ियाहूं कोतवाली थाना क्षेत्र के जगदीश विश्वकर्मा ने शिकायत किया था कि कुछ लोग जालसाजी करके लोगों से पैसा वसूल रहे हैं। शिकायत पर मामले को संज्ञान में लेते हुए डीआईजी ने टीम गठित कर इस मामले में संदिग्धों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। लाइन बाजार पुलिस व क्राइम ब्रांच ने सयुंक्त कार्रवाई करते हुए धन्नेपुर चौराहे पर मौर्या मेडिकल के बगल में पाल के मकान में छापा मारा। पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि मकान में रहकर लोग नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देते हैं। छापेमारी के दौरान पुलिस ने मकान से एक महिला सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों में सुलतानपुर निवासी पंकज कुमार, अयोध्या निवासी सत्यप्रकाश, अम्बेडकरनगर निवासी अंकुर कुमार, केराकत निवासी पियूष पाल, आजमगढ़ निवासी पूनम सरोज, प्रियंका राजभर हैं। तलाशी के दौरान कमरे से 12 मोबाइल तीन गूगल-पे बार कोड, तीन बैग में नौकरी दिलाने वाले विज्ञापन पम्पलेट, एक बैग मे कुल 210 फर्जी भरा हुआ फार्म, 12 एटीएम, चार मोहर, एक मोहर पैड एक, वाईफाई एयरटेल राउटर, चार फर्जी आईडी पर बनी सीम, तलाशी के 4615 रुपये तथा आफिस के बाहर खङा एक मोटर साइकिल व एक अल्टो मारुती कार बरामद हुई। पूछताछ पर पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग जनपद जौनपुर व आसपास के जिलों में विभिन्न कम्पनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर पम्पलेट छपवाकर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कर देते हैं, जब पम्पलेट पर छपे हुए मोबाइल नम्बरों पर काल आती है तो रजिस्ट्रेशन के नाम पर दिल्ली के रहने वाले सोएब और कानपुर निवासी अनुराग के मोबाइल पर फोन पे के माध्यम से पैसा मंगाते हैं। उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र व्हाट्सएप पर भेजकर ड्रेस एवं ट्रेनिंग के नाम पर और पैसे की मांगते हैं। पैसा मिलने के बाद ज्वाइनिंग मांगने पर समय देकर टालमटोल करते रहते है। जब काफी पैसा इकठ्ठा हो जाता है तब आफिस बन्द करके भाग जाते हैं। वहीं, दूसरे जिले में फर्जी आईडी से नया सिम लेकर पुनः कार्य शुरू करते हैं। पकड़े गए अभियुक्तों को गिरफ्तार कर पुलिस आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की है।
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