गांधीनगर: पाक जेलों में 500 से अधिक गुजराती मछुआरे बंद हैं, बजट सत्र में हुआ खुलासा
अहमदाबाद: दिसंबर 2021 तक गुजरात के 500 से अधिक मछुआरे अभी भी पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। गुजरात सरकार ने बुधवार को चल रहे बजट सत्र के दौरान विधानसभा में खुलासा किया। कांग्रेस विधायक पुंजा वंश के एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्य के मत्स्य मंत्री बृजेश मेरजा ने सदन को बताया कि राज्य के कुल 519 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। मेरजा ने कहा, 31 दिसंबर, 2021 तक, गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में थे, जिनमें से 358 को पिछले दो वर्षों में गिरफ्तार किया गया था - 2020 में 163 और 2021 में 195 गिरफ्तार किया गया। मंत्री ने बताया कि सरकार इन मछुआरों को रिहा कराने के लिए प्रयास कर रही है और उनकी राष्ट्रीयता के सत्यापन के बाद आगे की कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) को आवश्यक दस्तावेजी सबूत सौंपे गए हैं।
संबंधित सवाल में मंत्री ने कहा कि सरकार ने मछुआरों के परिवारों को 6.58 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। बता दें कि गुजरात के मछुआरों को कई मौकों पर पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) द्वारा पकड़ लिया जाता है, जब वे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) को पार करते हैं, जो कि बड़ी मात्रा में मछली पकड़ने की उम्मीद में लालच में आते हैं। सदन को सूचित किया गया कि पोरबंदर, गिर सोमनाथ और देवभूमि द्वारका जैसे जिलों के ये मछुआरे गलती से समुद्री सीमा पार कर पाकिस्तानी जेलों में बंद हुए हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है और मछुआरों के आईएमबीएल के पास आने पर उन्हें सतर्क करने के लिए जीपीएस लगाने में भी मदद कर रही है। सरकार ने यह भी कहा कि पिछले दो साल में गुजरात सरकार ने पाकिस्तानी जेलों से मछुआरों को रिहा करने के लिए 18 बार पत्र लिखा है।