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Gandhi Jayanti 2021: क्या महात्मा गांधी मनाते थे अपना जन्मदिन, जानें उस दिन क्या करते थे बापू?

Shiddhant Shriwas
2 Oct 2021 3:19 AM GMT
Gandhi Jayanti 2021: क्या महात्मा गांधी मनाते थे अपना जन्मदिन, जानें उस दिन क्या करते थे बापू?
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देश और दुनिया में दो अक्तूबर, 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती धूमधाम के साथ मनाए जाने की तैयारियां पूरी हो चुकी है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 152nd Gandhi Jayanti: देश और दुनिया में दो अक्तूबर, 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती धूमधाम के साथ मनाए जाने की तैयारियां पूरी हो चुकी है। भारत ही नहीं, वरन दुनिया के कईं देशों में गांधीजी और उनके विचारों की प्रासंगिकता आज भी ज्वलंत हैं। भारत रत्न मोहनदास करमचंद गांधी यानी महात्मा गांधी, उन्हें प्यार से लोग बापू कहकर पुकारते थे। बापू का जन्मदिन देश भर में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है।

इसलिए, उनकी 152वीं जयंती पर भी तमाम तरह के सेवा कार्य किए जाएंगे। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ कई राजनीतिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा गांधी जयंती मनाई जाएगी। कई संस्थानों में इस दिन अवकाश रहता है। लेकिन गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) मनाने से पहले एक सवाल अक्सर मन में कौंधता है कि गांधीजी अपना जन्मदिन कैसे मनाते थे? वे अपने जन्मदिन पर क्या करते थे? ये वे सवाल हैं जिनके उत्तर अधिकांश भारतीय नहीं जानते होंगे। तो आइए जानते हैं गांधीजी के बारे में अनसुनी बातें और इन सवालों के जवाब ...

स्वच्छता अभियान से लेकर अहिंसा दिवस तक

इस दिन गांधी वादी सामाजिक संस्थाओं और सरकार की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें स्वच्छता अभियान से लेकर अहिंसा, स्वदेशी और लोकतंत्र तक की बातें की जाती हैं। ये सब आयोजन बड़े स्तर पर होते हैं। जबकि क्या गांधीजी अपना जन्मदिन मनाते थे, अगर मनाते थे तो कैसे मनाते थे या वे अपने जन्मदिन पर क्या करते थे, अधिकांश लोग आज भी नहीं जानते हैं।

जब किया मृत्यु का जिक्र

वयोवृद्ध गांधीवादी विचारकों का मानना है कि महात्मा गांधी अपना जन्मदिन नहीं मनाते थे। प्रसिद्ध गांधीवादी चितंक राम चंद्र राही का कहना है कि शायद गांधीजी जन्मदिन नहीं मनाते थे, लेकिन लोग मनाया करते थे। राही 02 अक्तूबर, 1918 के एक वाकये का हवाला देते हुए कहते हैं कि गांधीजी ने अपने अनुयायियों से कहा था, मेरी मृत्यु के बाद मेरी कसौटी होगी कि मैं जन्मदिन मनाने योग्य हूं या नहीं।

दिनचर्या का पालन करते थे

गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रहे राही के अनुसार, गांधीजी जन्मदिन वाले रोज भी अपनी नियमित दिनचर्या का पालन करते थे। वे नियत समय पर प्रार्थना करते, चरखा चलाते थे, लोगों से मिलते और ज्यादातर मौन रहते थे। गांधीजी शरीर की स्वच्छता के साथ-साथ मन की स्वच्छता की भी बात करते थे और मन की शुद्धता को ज्यादा महत्व दिया था। महात्मा गांधी का प्रतीक झाडू़ ही नहीं है, बल्कि सत्याग्रह, सत्यनिष्ठा और अहिंसा आदि हैं।

अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस

आजादी के आंदोलन में अहिंसा के रास्ते अपनी लड़ाई लड़ने वाले बापू के जन्म की तारीख दो अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से 15 जून, 2007 को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया गया था। देश में शीर्ष स्तर पर गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के दिन राजधानी दिल्ली के राजघाट पर विशेष श्रद्धांजलि और प्रार्थना सभा का आयोजन होता है। इसमें राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत तमाम राजनेता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।

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