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G-20 शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा- कोरोना महामारी मानवता के इतिहास में बदलाव का अहम बिंदु

Kunti Dhruw
21 Nov 2020 6:35 PM GMT
G-20 शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा- कोरोना महामारी मानवता के इतिहास में बदलाव का अहम बिंदु
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G-20 शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा- कोरोना महामारी मानवता के इतिहास में बदलाव का अहम बिंदु

कोरोना काल के बीच जी-20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन शनिवार से शुरू हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना काल के बीच जी-20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन शनिवार से शुरू हो गया है। सऊदी अरब के सुल्तान सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सौद ने इसकी शुरुआत की और कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए एकजुट प्रयासों की अपील की।

वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सम्मेलन में शिरकत की। बता दें कि इस दो दिवसीय सम्मेलन की थीम 'सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों को हासिल करना' रखी गई है। यह बैठक वर्चुअल माध्यम से हो रही है। पीएम मोदी ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया।

समन्वित प्रयासों से महामारी से जल्द उबरने में मदद मिलेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जी-20 शिखर सम्मेलन में सार्थक चर्चा हुई। विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समन्वित प्रयासों से महामारी से जल्द उबरने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि हमने समूह-20 के कुशल कामकाज के लिए डिजिटल सुविधाओं को और विकसित करने की खातिर आईटी के क्षेत्र में भारत की विशषेज्ञता की पेशकश की।

कोरोना महामारी मानवता के इतिहास में बदलाव का अहम बिंदू: पीएम मोदी

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 में कोरोना महामारी को मानवता के इतिहास में बदलाव का अहम बिंदू करार देते हुए इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया के सामने आई सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि ग्रह पृथ्वी के प्रति संरक्षण की भावना हमें स्वस्थ व समग्र जीवनशैली के लिए प्रेरित करेगी।

चुनौती के खिलाफ इस सम्मेलन में हम एकजुट हों- सलमान बिन अब्दुलअजीज

बता दें कि संक्रमण के कारण इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित हो रहा है, जहां विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि ऑनलाइन माध्यम से सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

सलमान ने अपने संबोधन में कहा, 'यह हमारा कर्तव्य है कि इस चुनौती के खिलाफ इस सम्मेलन में हम एकजुट हों और उम्मीद तथा पुन: भरोसे का संदेश दें।' सलमान ने कहा, 'कोविड-19 महामारी एक अप्रत्याशित सदमा जैसा है जिसने बहुत कम समय में पूरी दुनिया को प्रभावित किया है और वैश्विक आर्थिक और सामाजिक हानि पहुंचाई है।'

सऊदी अरब इस वर्ष जी-20 का अध्यक्ष है और इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसमें विश्व के सर्वाधिक संपन्न और सर्वाधिक विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश जैसे अमेरिका, चीन ,भारत, तुर्की, फ्रांस, ब्रिटेन, ब्राजील सहित अन्य देशों के नेता शिरकत कर रहे हैं।

इस दौरान जी-20 के नेताओं ने सूचनाओं को साझा करने, शोध के लिए जरूरी सामग्री को साझा करने, क्लीनिकल आंकड़े साझा करने और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने का प्रण लिया। देशों ने संक्रमण से बचाव का टीका विकसित करने के लिए धन जुटाने के वास्ते भी मिल कर काम करने का वादा किया।

सलमान ने जी-20 के नेताओं से विकासशील देशों को समन्वित तरीके से सहयोग देने की भी अपील की। वहीं, अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शिखर सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं।

जी-20 सम्मेलन से पहले तुर्की के राष्ट्रपति और सऊदी के शाह ने फोन पर की बात

जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और सऊदी अरब के शाह सलमान से फोन पर बात की। राष्ट्रपति कार्यालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। बयान के मुताबिक फोन पर बातचीत के दौरान नेताओं ने दोनों देशों के संबंधों को सुधारने पर चर्चा की।

उल्लेखनीय है कि इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के महा वाणिज्य दूतावास के भीतर वर्ष 2018 में सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या के बाद से तुर्की और सऊदी अरब के रिश्ते तेजी से खराब हुए। रिश्तों में कड़वाहट की एक वजह तुर्की द्वारा मुस्लिम ब्रदरहुड का समर्थन किया जाना भी है, जिसे सऊदी अरब आतंकवादी संगठन मानता है।

तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, 'राष्ट्रपति एर्दोआन और शाह सलमान द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और मुद्दों के समाधान के लिए बाचतीत के रास्ते को खुला रखने पर सहमत हुए हैं।'

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