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नई दिल्ली: जी20 के कई आयोजनों में अपनाए गए विभिन्न प्रस्तावों पर चीन के लगातार विरोध के बीच जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी नेताओं द्वारा मंजूरी मिलने के बाद ही दिल्ली घोषणा को अंतिम रूप दिया जाएगा।चीन ने बहुपक्षीय आयोजन के लिए संस्कृत आदर्श वाक्य (वसुधैव कुटुंबकम) के इस्तेमाल और विभिन्न निष्कर्ष दस्तावेजों में यूक्रेन संघर्ष को शामिल करने पर आपत्ति जताई थी।
कांत ने संयुक्त घोषणा के कंटेंट, जिसे 'दिल्ली घोषणा' के रूप में भी जाना जायेगा, के बारे में कहा, "(जी20 शिखर सम्मेलन की) यात्रा अभी शुरू हुई है, इसलिए थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। शिखर सम्मेलन के समापन के बाद हम इसकी एक झलक दिखाएंगे। नेताओं को सिफारिशों को मंजूरी देनी होगी, और एक बार जब यह अनुमोदित हो जाएगा तो इस सार्वजनिक किया जाएगा।"
विदेश सचिव विनय क्वात्रा और भारत के जी20 अध्यक्ष पद के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला के साथ शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि वह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शेरपा हैं और शिखर सम्मेलन में सिफारिशें नेताओं को दी जाती हैं, और एक बार जब उन्हें मंजूरी मिल जाएगी, तो घोषणा का कंटेंट सार्वजनिक रूप से सामने आ जाएगा।
कांत ने दोहराया, "घोषणा की गोपनीयता को समझें। नेताओं द्वारा कंटेंट को मंजूरी मिलने के बाद हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।" रूस और चीन दोनों ने पिछले कुछ महीनों में शिखर सम्मेलन की तैयारी के दौरान आयोजित कई जी20 मंचों की बैठकों के विभिन्न निष्कर्ष दस्तावेजों में यूक्रेन संघर्ष का संदर्भ शामिल करने पर बार-बार आपत्ति जताई है।
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