भारत
जी किशन रेड्डी आज 'भारत छोड़ो आंदोलन' के 79वीं वर्षगांठ पर एक प्रदर्शनी का करेंगे उद्घाटन
Renuka Sahu
8 Aug 2021 2:53 AM GMT
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फाइल फोटो
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी रविवार सुबह 11:30 बजे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. इस प्रदर्शनी का आयोजन दिल्ली के नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया में किया जा रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी रविवार सुबह 11:30 बजे 'भारत छोड़ो आंदोलन' पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. इस प्रदर्शनी का आयोजन दिल्ली के नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया में किया जा रहा है. रविवार को 'भारत छोड़ो आंदोलन' के 79 साल पूरे हो रहे हैं. यह प्रदर्शनी आजादी के 75वें साल के जश्न मनाने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' का ही एक हिस्सा है. उद्घाटन के मौके पर संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद होंगे.
संस्कृति मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में बताया, "यह प्रदर्शनी सार्वजनिक रिकॉर्ड, निजी पत्रों, मानचित्रों, तस्वीरों और इससे जुड़े अन्य सामग्रियों के जरिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में 'भारत छोड़ो आंदोलन' के महत्व को चित्रित करने का एक प्रयास है. प्रदर्शनी 9 अगस्त से लेकर 8 नवंबर 2021 तक आम जनता के लिए सुबह 10.00 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक खुली रहेगी."
देश के स्वतंत्रता संग्राम में 8 अगस्त के दिन का एक खास महत्व है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान महात्मा गांधी ने भारत में अंग्रेजों के शासन को खत्म करने का आह्वान करते हुए 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी. इसके बाद आजादी का आंदोलन काफी तेज हो गया था. 1942 में इसी दिन ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की तरफ से बॉम्बे में सत्र बुलाया गया था. यह सत्र बॉम्बे के गउआला टैंक मैदान में हुआ था, लेकिन उस दिन के बाद से इसे अगस्त क्रांति मैदान ही कहा जाने लगा.
Along with Ministers of State colleagues, Shri @arjunrammeghwal & Smt @M_Lekhi, I Will be inaugurating an Exhibition on 'Quit India Movement' today 8th August 2021 at 11:30AM at National Archives of India, Janpath, New Delhi. pic.twitter.com/pEHzreaaL3
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) August 7, 2021
महात्मा गांधी ने इसी दौरान 'करो या मरो' का भी नारा दिया था. 8 अगस्त के आह्वान के बाद देशभर में यह आंदोलन काफी तेजी से फैल गया. अंग्रेजों ने आंदोलन को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां भी शुरू कर दी थीं. इसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस के कई सीनियर नेता गिरफ्तार हुए थे. इसमें महात्मा गांधी के साथ-साथ जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, अबुल कलाम आजाद आदि की भी गिरफ्तारी हुई थी.
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