बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन द्वारा गाजीपुर-चौबेपुर मार्ग पर 20.59 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की हुई है और जिला न्यायालय को शहर से बाहर शिफ्ट कर दिया जाएगा. यहां पर कोर्ट की नई बिल्डिंग योजनाबद्ध तरीके से बनाई जाएगी. इस पर वकीलों ने आरोप लगाया कि उनके परिसर से सटे हुए बनारस क्लब को अवैध रूप से बनाया गया है. उस क्लब की भूमि को अधिग्रहित करके जिला प्रशासन वाराणसी कचहरी का विस्तार किया जाए. न कि उनकी कचहरी को शहर से बाहर शिफ्ट करें. अगर ऐसा होता है तो सभी वकीलों को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा.
सोमवार को वाराणसी के सभी वकीलों ने कार्य का बहिष्कार किया, जिसकी वजह से पूरी न्यायिक प्रक्रिया सोमवार को ठप रही. वकीलों ने चेतावनी दी कि है अगर जिला प्रशासन अपने फैसले को वापस नहीं लेता है तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
द सेंट्रल बार एसोसिएशन बनारस द्वारा वाराणसी जिला जज को भी एक लेटर लिखा. जिसमें कहा गया कि सोमवार को द सेंट्रल बार एसोसिएशन बनारस की आपात बैठक बुलाकर इस मसले पर चर्चा की. सदस्यों ने कहा कि प्रस्ताव की भावनाओं को देखते हुए अपना सहयोग प्रदान करें.