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इन दिनों पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं
इन दिनों पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. तेल की बढ़ी कीमतों का सीधा असर अब किराना, सब्जी और फल की कीमत पर पड़ने लगा है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो पेट्रोल 110 रुपए लीटर के पार निकल गया है. आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि पेट्रोल और डीजल के दाम क्रिकेट स्कोर की तरह हो गए हैं, पेट्रोल की कीमत कभी नर्वस 99 में रहती है तो कभी 100 से भी पार चली जाती है. इस बढ़ोतरी से अब आम लोगों की जेब जलने लगी है. हालांकि आज तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई फेरबदल नहीं किया है. फिर भी दाम 100 रुपये प्रति लीटर हैं.
आज दिल्ली में पेट्रोल 99.86 रुपये प्रति लीटर रहा. जबकि मुंबई में 105.92 रुपये प्रति लीटर बिका. वहीं चेन्नई की बात करें तो यहां भी पेट्रोल के दाम 100.75 रुपये प्रति लीटर रहे. कोलकाता में भी पेट्रोल की कीमत 99.84 रुपये प्रति लीटर रही. मतलब साफ है डीजल-पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों में अभी कोई राहत देखने को नहीं मिल रही है लेकिन उससे भी बुरी खबर ये है कि आने वाले दिनों में इसके दाम और भी अधिक बढ़ने वाले हैं और इसकी वजह कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतें होंगी. कच्चे तेल की कीमत इसलिए बढ़ेगी, क्योंकि सऊदी अरब और यूएई में एक आउटपुट डील को लेकर ठन गई है. OPEC+ तेल के प्रोडक्शन पर नियंत्रण चाहता है, जिसपर UAE को एतराज है.
विवाद की वजह से OPEC+ की बैठक भी हुई रद्द
UAE ने OPEC+ के प्रतिबंध को 8 महीने और बढ़ाने के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है. अप्रैल 2022 की शुरुआती समय सीमा तक उत्पादन में कटौती को UAE ने गलत बताया है. UAE का कहना है कि कच्चे तेल की डिमांड ज्यादा है, लिहाजा प्रोडक्शन बढ़ाने की मंजूरी मिलनी चाहिए. विवाद की वजह से ही आज होने वाली OPEC+ की बैठक भी रद्द कर दी गई. तनाव इतना बढ़ गया है कि सऊदी अरब ने UAE के लोगों की एंट्री बंद कर दी है और UAE ने सऊदी अरब से आने वाली फ्लाइटों पर अस्थाई पाबंदी लगा दी है. इस विवाद से कच्चा तेल 76 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है और ट्रेंड बनता दिख रहा कि इस साल के आखिर तक कच्चा तेल एक बार फिर 86 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है.
कमाई का मोह छोड़ने को तैयार नहीं केंद्र और राज्य सरकार
हालांकि ये देश में पेट्रोल की कीमत बढ़ने की पूरी वजह नहीं है, पेट्रोल डीजल महंगा होने के पीछे बड़ा कारण है केंद्र और राज्य सरकारों का टैक्स है. 2020 की शुरुआत में पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपये थी, जो अब बढ़ाकर 32.98 रुपये कर दी गई है. केंद्र के अलावा राज्य सरकारों ने भी पेट्रोल-डीजल पर VAT बढ़ाया है. अलग-अलग राज्य पेट्रोल पर अलग-अलग VAT वसूलते हैं जो 6 फीसदी से 36 फीसदी के बीच है. पूरे देश में सबसे ज्यादा 36 फीसदी वैट राजस्थान सरकार वसूलती है. पेट्रोल-डीजल पर वैट से राज्यों की कमाई 5 साल में 43% बढ़ी है और एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार की कमाई भी दोगुनी हुई है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार इस कमाई का मोह छोड़ने को तैयार नहीं है और आम जनता महंगाई की मार झेल रही है.
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