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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: पाकिस्तान भारत के एक कदम की वजह से बुरी तरह तिलमिला गया है. चीन की मेजबानी में 23 और 24 मार्च को वर्चुअल तरीके से ब्रिक्स सम्मेलन हुआ. इस सम्मेलन के आखिरी दिन 24 जून को ब्रिक्स बैठकों से अलग वैश्विक विकास पर एक उच्चस्तरीय बैठक होनी थी.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस उच्चस्तरीय बैठकों में कई ऐसे देशों को भी शामिल होना था, जो ब्रिक्स संगठन के सदस्य नहीं है. इस बैठक में पाकिस्तान को शामिल किए जाने का न्योता दिया जाना था लेकिन भारत ने रोक दिया.
यह उच्चस्तरीय बैठक 24 जून को हुई थी, जिसमें लगभग दो दर्जन गैर ब्रिक्स देशों के नेताओं ने शिरकत की थी. लेकिन चीन की पुरजोर कोशिश के बावजूद उसकी बेल्ट एंड रोड परियोजना का अहम साझेदार देश पाकिस्तान इस बैठक में शामिल नहीं हो पाया.
इस बैठक में पाकिस्तान के शामिल नहीं होने पर उस समय चीन और पाकिस्तान की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया लेकिन सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस पर आधिकारिक बयान दिया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार ने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि ब्रिक्स देशों के एक सदस्य देश ने इस बैठक में पाकिस्तान की हिस्सेदारी को रोक दिया था.
बयान में पाकिस्तान ने ब्रिक्स सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए चीन को बधाई भी दी.
बयान में कहा गया, हमने नोट किया है कि इस साल ब्रिक्स बैठकों से अलग वैश्विक विकास पर उच्चस्तरीय संवाद हुआ था, जिसमें कई विकासशील देशों को आमंत्रित किया गया था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ब्रिक्स में सभी सदस्य देशों से सलाह-मशविरे के बाद फैसले लिए गए. गैर सदस्य देशों को भी बैठक में शामिल होने के लिए न्योता दिया गया लेकिन खेद की बात है कि एक सदस्य देश ने पाकिस्तान को इस उच्चस्तरीय संवाद में शामिल नहीं होने दिया.
इफ्तिखार ने कहा, हमें उम्मीद है कि ब्रिक्स भविष्य में समावेशी सिद्धांतों के तहत सभी विकासशील देशों के हितों को प्राथमिकता देगा और संकीर्ण भूराजनीति विचारों से ऊपर उठेगा.
प्रवक्ता इफ्तिखार ने चीन को सराहते हुए कहा कि पाकिस्तान विकासशील देशों के हितों को बढ़ावा देने के लिए चीन की भूमिका की सराहना करता है. चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान वैश्विक शांति, समृद्धि और समावेशी विकास के लिए आवाज उठाता रहा है.
ब्रिक्स पांच देशों का संगठन है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
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