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मुंबई में सामने आया 22000 करोड़ रुपये का झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना घोटाला, जाने मामले की पूरी जानकारी

Nilmani Pal
30 Jan 2021 11:14 AM GMT
मुंबई में सामने आया 22000 करोड़ रुपये का झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना   घोटाला, जाने मामले की पूरी जानकारी
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ओमकार समूह के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक को ईडी ने किया गिरफ्तारओमकार समूह के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक को ईडी ने किया गिरफ्तारझोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना में 22000 करोड़ रुपये के घोटाले के संदेह में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ओमकार ग्रुप के अध्यक्ष कमलनाथ गुप्ता और मैनेजिंग डायरेक्टर बाबुलाल वर्मा को गिरफ्तार किया है.

जनता से रिश्ता वेब डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ओमकार ग्रुप के चेयरमैन कमल गुप्ता और मैनेजिंग डायरेक्टर बाबूलाल वर्मा को 22000 करोड़ रुपये के झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना (Slum Rehabilitation Scheme SRS) से जुड़े घोटाले में गिरफ्तार कर लिया है. ईडी पिछले तीन दिनों से ओमकार समूह से जुड़े 10 ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी. छापेमारी के दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज मिले. जिसके बाद बुधवार को दोनों को जांच एजेंसी ने सवालों के जवाब देने के लिए बुलाया. पूछताछ में सहयोग न करने पर ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

ये है पूरा मामला...

बता दें कि ओमकार ग्रुप ने झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना के लिए यस बैंक से 450 करोड़ रुपये कर्ज लिया है. मुंबई की झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना पर खर्च दिखाकर करोड़ों रुपये की हेरा फेरी का आरोप ओमकार ग्रुप पर लगाया गया है. इनके खिलाफ ED द्वारा जांच की जा रही है और ये लोग ED को सहयोग नहीं कर रहे थे इसलिए बुधवार को ED ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद दोनों को गुरूवार को पीएमएलए कोर्ट में हाजिर किया गया जहां उन्हें विशेष न्यायालय ने ED की हिरासत में भेज दिया.

दूसरी जगह लगाया कर्ज का पैसा

यस बैंक से लिए गए 450 करोड़ रुपये के कर्ज को दूसरी जगह लगा दिये जाने का ग्रुप पर आरोप लगा है. इस बीच ओमकार ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि ईडी की कार्रवाई औरंगाबाद में क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किये गये 410 करोड़ रुपये के मामले में की गई है.

कई बैंकों से लिया कर्ज

ओमकार ग्रुप के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसआरए अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ओमकार समूह ने कई परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (LOC) हासिल कर लिया. जिसके आधार पर उन्होंने विभिन्न बैंकों से 22 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया. ओमकार ग्रुप पर एसआरए परियोजनाओं के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का भी आरोप है.


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