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आज से आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस की नए लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों को चुनने के लिए की बैठक, जनरल नरवणे करेंगे अध्यक्षता

Kunti Dhruw
23 Dec 2021 12:59 AM GMT
आज से आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस की नए लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों को चुनने के लिए की बैठक, जनरल नरवणे करेंगे अध्यक्षता
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सेना (Indian Army) में नए लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों को चुनने के लिए गुरूवार से राजधानी दिल्ली में दो दिवसीय (23-24 दिसंबर) आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस (Army Commanders Conference) होने जा रहा है.

दिल्ली : सेना (Indian Army) में नए लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों को चुनने के लिए गुरूवार से राजधानी दिल्ली में दो दिवसीय (23-24 दिसंबर) आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस (Army Commanders Conference) होने जा रहा है. थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) की अध्यक्षता में सेना की सभी सातों कमान के कमांडिंग इन चीफ इस बैठक में हिस्सा लेंगे. जानकारी के मुताबिक, आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस में करीब 40-45 मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के प्रोमोशन को लेकर चर्चा की जाएगी. मेजर-जनरल रैंक के अधिकारियों में से करीब एक दर्जन लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी चुने जाएंगे.

सूत्रों के मुताबिक, जो नए लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी चुनने जाएंगे, उनकी पहली नियुक्ति कोर-कमांडर या फिर सेना की अलग-अलग विंग के डीजी यानि महानिदेशक के पद पर होंगी. जानकारी के मुताबिक, अगले महीने यानि जनवरी 2022 में सेना के कई वरिष्ठ कमांडर रिटायर हो रहे हैं. इनमें उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और सह-सेना प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल सी पी मोहंती शामिल हैं.
ऐसे में नए कमांर्डस के रिक्त को भी भरा जाएगा. ये पद मौजूदा कोर कमांर्ड्स से ही भरे जाने की उम्मीद है. आर्मी कमांडर (कमान के कमांडिंग इन चीफ) और सह-सेना प्रमुख की नियुक्ति कैबिनेट से जु़ड़ी नियुक्ति कमेटी करती है. इस कमेटी की अध्यक्षता पीएम मोदी करते हैं. पीएम के अलावा गृह मंत्री अमित शाह इस कमेटी के सदस्य हैं.
आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस अमूमन साल में दो बार होती है. लेकिन इस साल कोरोना की दूसरी लहर के चलते पहली मीटिंग में देर हो गया था. ये मीटिंग अक्टूबर के महीने में ही हुई थी, जिसमें रक्षा मंत्री और तत्कालीन सीडीएस ने भी हिस्सा लिया था. उस दौरान चीन-पाकिस्तान सीमा के हालात और ऑपरेशन्ल तैयारियों पर विस्तृत चर्चा हुई थी. साथ ही सेना के तीनों अंगों यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेेना के एकीकरण और बेहतक तालमेल पर गहन विचार किया गय था. यही वजह है कि गुरूवार को होने वाली कांफ्रेंस में ऑपरेशन्ल मुद्दों पर चर्चा कम होने की उम्मीद है.
आपको बता दें कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत के बाद सरकार ने अभी तक नए सीडीएस की घोषणा नहीं की है. हालांकि, मौजूदा थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के नाम की चर्चा थी, लेकिन सरकार ने उससे पहले ही जनरल नरवणे को चैयरमैन, चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के पद का अतिरिक्त पदभार दे दिया. ये एक पुराना पद था जो सीडीएस ना होने की स्थिति में सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों में से सबसे सीनियर अधिकारी को दिया जाता था. सरकार ने नए सीडीएस की घोषणा ना करके पुराने पद को फिर से शुरू कर दिया है. हालांकि, माना जा रहा है कि ये एक स्टॉप-गैप नियुक्ति है जो अगले सीडीएस की घोषणा होने तक रहेगी.
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