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ममता बनर्जी का हमला: बीजेपी की वजह से खतरे में आजादी, एजेंसियों का होता है गलत इस्तेमाल, वीडियो देखें
jantaserishta.com
21 July 2021 9:27 AM GMT
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ANI
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस आज (21 जुलाई) शहीद दिवस मना रही है. पार्टी के गठन के बाद से हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस खास मौके पर ममता बनर्जी का वर्चुअल संबोधन शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा कि बंगाल ने मां, माटी और मानुष को चुना है. यहां की जनता ने धनबल को नकारा है. बीजेपी पूरी तरह तानाशाही पर आमादा है. त्रिपुरा में हमारे कार्यक्रम में रोका गया है. क्या यह लोकतंत्र है? अब हमें काम शुरू करना है. सरकार ने पेगासस के जरिए स्पाइगीरी दिखा रही है. इसमें मंत्रियों और जजों के नंबर डाले जा रहे हैं. लेकिन इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है.
"वैक्सीन नहीं, मेडिसिन नहीं, ऑक्सीजन नहीं, कोविड में जब मर जाता है तो गंगा में डेड बॉडी भेज देता है और प्राइम मिनिस्टर कहते है UP is the best state in this country... शरम नहीं लगता है... कोई शरम नहीं लगता है : @MamataOfficial , बंगाल की मुख्यमंत्री pic.twitter.com/sedoYdpxcy
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) July 21, 2021
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में देश ने गंगा में लाशें तैरते हुए देखी है. ऑक्सीजन की कमी के चलते बहुत लोगों की मौत हुई है और सरकार कहती है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई है. कोरोना की तीसरी लहर की भी कोई तैयारी केंद्र ने नहीं की है.
दीदी ने कहा कि कुछ बीजेपी सदस्य मानवाधिकार सदस्य हैं. उन्होंने गलत रिपोर्ट डाली है. मतदान के बाद कोई हिंसा नहीं हुई. मतदान से ठीक पहले वे हम पर कैसे दबाव बना रहे हैं, हम जानते हैं. अब जब तक बीजेपी को बाहर नहीं करते तब तक खेला होगा. 16 अगस्त को खेला दिवस मनाएंगे.
जासूसी से बचने के लिए मैंने अपने मोबाइल के कैमरे पर ही प्लास्टर लगा दिया : @MamataOfficial#MamataBanerjee #PegasusProject pic.twitter.com/TzDZSMla9W
— manishkharya (@manishkharya1) July 21, 2021
इस बार शहीद दिवस पर खास तैयारी की गई है. ये पहली बार है जब ममता बनर्जी का भाषण 21 जुलाई को राज्य की सीमाओं से परे अन्य राज्यों में भी प्रसारित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भाषण दिल्ली, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में पार्टी मुख्यालय के बाहर एलईडी टीवी पर सुना जा रहा है.
यही नहीं गुजरात के भी 32 जिलों में ममता बनर्जी के भाषण का एलसीडी स्क्रीन लगाकर प्रसारण का इंतजाम तृणमूल कांग्रेस की ओर से किया गया है. दिल्ली के आयोजन में दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं को भी बुलाया गया है.
ममता बनर्जी की इस तैयारी को 2024 के रण से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी ने अब राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय राजनीति में उतरने का मन बना लिया है और भारतीय जनता पार्टी को सीधा चैलेंज देने के लिए तैयार हैं.
गुजरात में होगा 'खेला'
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब बंगाल के बाद गुजरात में भी 'खेला' करने के मूड में हैं और इसकी तैयारी उन्होंने शुरू कर दी है. शरीद दिवस को लेकर गुजरात में ममता बनर्जी की तस्वीर के साथ लगे बैनर काफी कुछ कहते हैं. ये पहली बार है जब ममता की तस्वीर वाले बैनर गुजरात में लगे हैं.
21 जुलाई को क्या हुआ था?
साल 1993 का था. ममता बनर्जी तब युवा कांग्रेस की पश्चिम बंगाल अध्यक्ष थीं. उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सचित्र वोटर कार्ड की मांग की. उस मांग के साथ, राज्य की तत्कालीन वाममोर्चा सरकार के मुख्य सचिवालय से कांग्रेस की ओर से एक आम अभियान का आह्वान किया गया.
ममता बनर्जी के नेतृत्व में 21 जुलाई को युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल हुए. लेकिन तृणमूल का आरोप है कि उस वक्त उनके जुलूस पर पुलिस की ओर से गोलियां चलाई गईं, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया था. बाद में ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) का गठन किया.
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