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TMC सांसद के साथ फर्जीवाड़ा: कोरोना वैक्सीन लेने के बाद नहीं मिला सर्टिफिकेट, फर्जी IAS गिरफ्तार

Deepa Sahu
23 Jun 2021 5:42 PM GMT
TMC सांसद के साथ फर्जीवाड़ा: कोरोना वैक्सीन लेने के बाद नहीं मिला सर्टिफिकेट, फर्जी IAS गिरफ्तार
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कोलकाता के कस्बा क्षेत्र में कथित तौर पर फर्जी परिचय पत्र लेकर आईएएस अधिकारी बने एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कोलकाता के कस्बा क्षेत्र में कथित तौर पर फर्जी परिचय पत्र लेकर आईएएस अधिकारी बने एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर मुफ्त कोविड-19 वैक्सीनेशन कैंप आयोजित करने का आरोप है। इस कैंप में ही अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने भी टीका लगवाया है। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देबंजन देब नाम के इस व्यक्ति ने खुद को कोलकाता नगर पालिका का संयुक्त आयुक्त बताता है। उन्होंने बताया कि " उसे कोलकाता नगर निगम से कैंप आयोजित करने की अनुमति नहीं थी। कैंप में कई लोगों ने टीके लगवाए।"

अधिकारी ने कहा, "हमने वैक्सीन के नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं। अगर ये नकली निकले, तो हमें उन सभी लोगों का पता लगाकर उनसे कहना होगा कि वे फिर से टीके लगवाएं, जिन्होंने यहां टीका लगवाए हैं।" सांसद मिमी चक्रवर्ती ने कहा कि टीका लगवाने के बाद उन्हें संदेह हुआ क्योंकि उनके मोबाइल पर उस तरह का कोई संदेश नहीं आया, जो टीके का पहला डोज लेने के बाद लोगों को भेजा जाता है। मिमी चक्रवर्ती ने बताया, "मुझे कैंप में बुलाया गया था। वहां मुझे बताया गया कि इसमें थर्ड जेंडर के लोगों को भी यहां टीके लगाए जाएंगे। जब मुझे टीके लगाने के बाद कोई मोबाइल संदेश नहीं मिला तो मैंने कैंप की सारी प्रक्रिया रुकवा दी और पुलिस को सूचना दी।"
निवर्तमान महापौर और केएमसी बोर्ड के प्रशासकों के चेयरमैन फिरहाद हाकिम ने कहा कि यदि नगर निगम का कोई अधिकारी इस मामले में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आरोपी के पास से एक "फर्जी पहचान पत्र" बरामद किया है। नीली बत्ती लगी उसकी गाड़ी को जब्त कर लिया गया है।
सीबीआई अधिकारी बनकर चोरी करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार दिल्ली पुलिस ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में एक व्यक्ति को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया है जिसने अपने आप को सीबीआई अधिकारी बता कर 50,000 रुपये और अन्य दस्तावेजों की चोरी की थी। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित जफरुद्दीन 19 जून को राजस्थान के भरतपुर से यहां जामा मस्जिद कपड़े खरीदने आया था। उसने धौला कुआं में एक ऑटो-रिक्शा लिया और देखा कि उसमें एक व्यक्ति पहले से ही बैठा था। कुछ दूरी तय करने के बाद आरोपी संजीव गिल (58) ऑटो में सवार हुआ और अपने को सीबीआई अधिकारी बताया। गिल ने जफरुद्दीन के सामान की जांच शुरू कर दी और पीड़ित के बैग से 50,000 रुपये और कुछ दस्तावेज चुरा लिए।
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