फ्रॉड कर 15 दिनों में 1 अरब रुपये वसूले, पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड़
जयपुर। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने मंगलवार को कहा कि उसने एक गिरोह का पदार्फाश किया है, जो पैसे के बदले लोगों को पार्ट टाइम नौकरी देने का वादा करता था। एसओजी ने बताया कि गिरोह ने चंद दिनों में ही बड़ी रकम जुटा ली है। गिरोह ने इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट लाइक करने पर पार्ट टाइम नौकरी देने का वादा किया था। आरोपी एक पोस्ट को लाइक करने के 50 रुपये से लेकर 100 रुपये तक देता था।
एसओजी ने कहा कि उसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी उम्र 27-32 साल के बीच है। कहा गया है कि गिरोह चित्तौड़गढ़ जिले से संचालित हो रहा था, लेकिन आरोपी राजस्थान के चार जिलों अजमेर, सीकर, राजसमंद और चित्तौड़गढ़ के हैं। एसओजी ने कहा कि कुछ पीड़ितों ने गिरोह को अच्छी खासी रकम भी दी थी, क्योंकि उन्होंने उन्हें बताया था कि व्यवसाय के लिए निवेश जरूरी है।
एसओजी ने गिरोह का भंडाफोड़ तब किया, जब शिकायतकर्ता दीपक शर्मा ने आरोप लगाया कि उसे व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला, जिसमें उसे सोशल मीडिया पोस्ट को लाइक करके प्रतिदिन 3000 रुपये से 5000 रुपये कमाने की पेशकश की गई थी। शर्मा को संबंधित स्क्रीनशॉट को टेलीग्राम ग्रुप में पोस्ट करने के लिए भी कहा गया था। एसओजी ने कहा कि शर्मा के कार्य को पूरा करने में विफल रहने के बाद उन्हें 31 विभिन्न बैंक खातों में 1 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा गया।
इसमें कहा गया है कि एसओजी साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच अधिकारी ने कहा कि साइबर अपराधियों ने अपराध करने के नए-नए तरीके खोज लिए हैं। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के कई मामले दर्ज हो चुके हैं और साइबर अपराधी निवेश के नाम पर लोगों से मोटी रकम की ठगी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गहन तकनीकी जांच कर दोषियों को पकड़ने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि 31 संदिग्ध बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला है कि शिकायतकर्ता द्वारा 1 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए हैं और पिछले 15 दिनों में इन बैंक खातों में 1 अरब रुपये से अधिक के लेनदेन जमा किए गए हैं। मामले में आगे की जांच की जा रही है।