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भारतीय खाद्य निगम में भर्ती का झांसा देकर 60 लोगों से करीब एक करोड़ 75 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है
भारतीय खाद्य निगम में भर्ती का झांसा देकर 60 लोगों से करीब एक करोड़ 75 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मामले में ठगों ने इच्छुक लोगों को नियुक्ति पत्र भी दिए. इसके बाद लोग दो साल तक ठगों ने चक्कर लगाते रहे लेकिन नौकरी नहीं मिली. पीड़ितों की तरफ से महानगर कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया है.
जानकारी के अनुसार लखनऊ के इंदिरानगर निवासी मनीष राय इंडो फार्म कंपनी में काम करते थे. यहां उनके साथ सत्य प्रकास त्रिपाठी भी काम करते थे. सत्य प्रकाश की जरिए मनीष की पहचान अभिषेक दुबे और नीरज पांडेय से हुई. अभिषेक ने मनीष को एफसीआई में भर्ती का झांसा दिया और कहा कि ये भर्ती सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर होंगी. अगर पैसा खर्च किया जाए तो नौकरी मिल सकती है. आरोपियों ने मनीष की बाद रवि प्रकाश, राकेश सिंह समेत कई लोगों से कराई.
साइन कारने के लिए मांगे रुपए
इन सभी लोगों ने खुद को एफसीआई का कर्मचारी बताया. मनीष के कहने पर उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने आरोपियों से फोन पर बातचीत की. इसके बाद सभी को दिल्ली के दफ्तर बुलाया गया. इससे मनीष के रिश्तेदारों को उन पर भरोसा हो गया. मनीष ने बताया कि साल 2019 में नियुक्ति पत्र पर साइन कराने के लिए इन सब लोगों से एक करोड़ 60 लाख लिए गए.
ट्रेनिंग भी कराई
इसे बाद ठगों ने साल 2020 में पीड़ितों को नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए. इसमें 30 अक्टूबर की ज्वाइनिंग रखी गई. नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद सभी को ट्रेनिंग के लिए भी भेजा गया था. मनीष ने बताया कि दो साल में करीब 60 लोगों से इस प्रकार ठगी की गई. इसके बाद सभी दो साल तक इंतजार करते रहे, लेकिन नियुक्ति नहीं हुई.
इन पर दर्ज हुआ मामला
परेशान होकर जब ठगों से पैसे वापस मांगे गए तो वो धमकी देने लगे. इसके बाद मनीष ने पुलिस में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने बताया कि मनीष ने शिकायत में नीरज पांडेय, अभिषेक दुबे, रवि प्रकाश, राकेश सिंह, राजन चौबे, कविता चौबे, समेत अन्य के खिलाफ धोकाधड़ी, जाली दस्तावेज समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है. मामले में जांच की जा रही है.
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