भारत

206 करोड़ की हेराफेरी, फंस सकते है बड़े नेता और उद्योगपति

Nilmani Pal
26 July 2023 1:35 AM GMT
206 करोड़ की हेराफेरी, फंस सकते है बड़े नेता और उद्योगपति
x
बारीकी से जांच रही इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट

मुंबई। DGGI की मुंबई जोनल यूनिट ने एक ऐसे सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जिसने फर्जी कंपनियों के खाते खोलकर और फर्जी बिल बनाकर सरकार को 206 करोड़ रुपए का चूना लगाया है. DGGI विभाग इस मामले की बारीकी से जांच कर रहा है. जीएसटी विभाग के इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट को अंदेशा है कि इस गोरखधंधे में कई बड़े नेताओं और उद्योगपतियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं.

बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए उन लोगों के केवाईसी का इस्तेमाल किया गया, जिनसे नौकरी, सब्सिडी और राशन प्रदान करने की आड़ में दस्तावेज लिए गए थे. इनके नाम से कई फर्जी कंपनियां खोली गईं और कंपनियों के नाम से बैंकों में खाते भी खोल लिए गए. इस धोखाधड़ी में शामिल फर्मों और लोगों के सिंडिकेट ने 1000 से ज्यादा कीमत के फर्जी बिल बनाकर सरकार को 200 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया है. इस मामले में एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है.

दरअसल, जीएसटी विभाग को इस फर्जीवाड़े की सूचना मिली थी, जिसके बाद जीएसटी विभाग ने इन संस्थाओं पर नजर रखनी शुरू कर दी. जांच में सामने आया कि संस्थाएं एक बड़े संगठन के रूप में काम कर रही हैं. यह संस्थाएं फर्जी तरीके से बिल, इनवॉइस और टैक्स बचाने से जुड़े कागजात बना रही थीं. इन कागजातों पर जिन जीएसटी नंबर इस्तेमाल होता था, उन सभी जीएसटी नंबर को जीएसटी विभाग बंद कर चुका है. इसके बाद जीएसटी विभाग ने मुंबई में कई ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन किए और सारे सबूत इकट्ठा किए. इन सर्च ऑपरेशन में जीएसटी विभाग को बड़े पैमाने पर चेक बुक, कंपनी नेमप्लेट, रबर स्टाम्प, एटीएम कार्ड और करोड़ों रुपए से ज्यादा का कैश भी सीज किया.

इस सिंडिकेट में कई लोग शामिल हैं. सभी को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं. कुछ लोगों को बैंक अकाउंट खोलने की जिम्मेदारी मिली है तो वहीं कुछ को फर्जी कागजात बनाने की. वहीं, कुछ लोगों को पैसे संभालने और उसे ट्रांसफर करने की जिम्मेदारी दी गई.


Next Story