ग्वालियर में दो आरोपियों को चार साल की सजा, CBI कोर्ट ने सुनाया फैसला

भोपाल। मप्र के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत, ग्वालियर ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से संबंधित एक केस में दो लोगों को दोषी ठहराया है। विशेष कोर्ट ने व्यापमं द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2013 (द्वितीय) के एक मामले में ग्वालियर के सतेंद्र सिंह यादव और जितेंद्र कुमार …
भोपाल। मप्र के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत, ग्वालियर ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से संबंधित एक केस में दो लोगों को दोषी ठहराया है।
विशेष कोर्ट ने व्यापमं द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2013 (द्वितीय) के एक मामले में ग्वालियर के सतेंद्र सिंह यादव और जितेंद्र कुमार को दोषी ठहराते हुए 14,100 रु. जुर्माना और चार साल की सजा सुनाई है।
सीबीआई ने इस केस में दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 अगस्त 2015 को कंपू थाने में एफआईआर दर्ज की थी। इस दौरान सीबीआई ने जाँच में पाया कि मधुराज सिंह (लाभार्थी उम्मीदवार) पीसीआरटी-2013 (द्वितीय) की लिखित परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए थे।सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ 26.04.2016 को पहली पूरक आरोप पत्र दायर किया। विशेष न्यायाधीश, सीबीआई (व्यापम मामले), ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ने दिनांक 24.12.2018 के फैसले में मधुराज सिंह को जुर्माने के साथ 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
इसी मामले में आगे जांच में खुलासा हुआ की इसी तरह अन्य लाभार्थी उम्मीदवार सतेंद्र सिंह यादव की जगह जितेंद्र कुमार ने लिखित परीक्षा दी थी। इसके बाद सीबीआई ने 10 मई 2018 को कोर्ट में नया आरोप पत्र दाखिल किया। जिसमें कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाई है।
