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चार अंतरराज्यीय हथियार सप्लायर पकड़े गए, पिस्टल और तमंचे बरामद

HARRY
10 Aug 2022 3:35 PM GMT
चार अंतरराज्यीय हथियार सप्लायर पकड़े गए, पिस्टल और तमंचे बरामद
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मथुरा में पुलिस और एसओजी ने चार अंतरराज्यीय हथियार सप्लायर पकड़े हैं। इनसे 19 पिस्टल, तमंचे और मैगजीन बरामद की गई हैं। आरोपी अवैध हथियार मध्य प्रदेश के खंडवा से खरीदकर लाते थे। इसके बाद राजस्थान, दिल्ली, यूपी और हरियाणा में सप्लाई करते थे। आरोपियों में एक युवक एमटेक का छात्र है।

बुधवार को एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि कोसीकलां के एसएचओ अनुज कुमार, एसओजी के अमित भाटी और राकेश यादव ने चार हथियार सप्लायरों को गिरफ्तार किया है। स्वतंत्रता दिवस को लेकर चलाए गए अभियान में यह चारों हथियार सप्लायर हत्थे चढ़े हैं। इनसे नौ पिस्टल 32 बोर, 11 तमंचे 315 बोर और चार मैगजीन 32 बोर बरामद की गई हैं। इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
ये आरोपी पकड़े गए
गिरीश कौशिक पुत्र रामनारायण निवासी मीरा विहार कॉलोनी लक्ष्मीनगर
मनोज पुत्र प्रेमपाल सिंह निवासी ओम कालेश्वर कॉलोनी टाउनशिप
दुर्गेश उर्फ दुर्गा पुत्र राजबहादुर निवासी गोरानगर कॉलोनी
करन सिंह पुत्र किशन सिंह निवासी मुरसान किला मुरसान
आठ हजार में खरीद कर 35 हजार बेचते थे पिस्टल
सीओ छाता गौरव त्रिपाठी ने बताया कि एमपी के खंडवा के पास एक गांव से आठ से 10 हजार रुपये में गिरीश पिस्टल खरीदकर लाता था। फिर इन पिस्टलों को 18 से 20 हजार रुपये में मनोज, दुर्गेश और करन सिंह को बेचता था। इसके बाद यह तीनों इन पिस्टलों 30 से 35 हजार रुपये में बेच दिया करते थे। अभी तक करीब 23 पिस्टल बेची हैं। तमंचा हाथरस मेड है, जो करन सिंह तीन से चार हजार रुपये में बेचा करता था। यह तमंचा बनाने का कारीगर भी है।
महाकाल ग्रुप से जुड़ने के बाद गिरीश खरीदने गया पिस्टलें
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मीणा ने बताया कि पकड़ा गया हथियार सप्लायर गिरीश संस्कृति विश्वविद्यालय से एमटेक कर रहा है। बीटेक में मध्य प्रदेश के एक छात्र से उसकी मुलाकात हुई थी। इस छात्र ने गिरीश को मध्य प्रदेश के महाकाल ग्रुप में जुड़वा दिया। इस ग्रुप को चलाने वाला फिलहाल पंजाब पुलिस की गिरफ्त में है।
इस ग्रुप के सहारे से हथियार सप्लायरों से हुई जान पहचान के बाद गिरीश ने इस तरफ कदम बढ़ा दिया। उसके बाद मध्य प्रदेश के खंडवा के पास से यह पिस्टल लेकर सप्लायर करने लगा। एक पिस्टल पर करीब 10 हजार रुपये कमाई करता तो आगे खरीदने वाले भी 10 से 15 हजार रुपये एक पिस्टल पर कमाते थे।
राधे-राधे की तलाश
एसपी देहात श्रीशचंद ने बताया कि हाथरस के राधे-राधे की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। यह राधे-राधे हथियार सप्लाई का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। हालांकि दिल्ली की रोहिणी पुलिस ने उसे दबोचा था। फिलहाल वह अब जेल से बाहर है। पुलिस के हत्थे अगर राधे-राधे चढ़ता है तो हथियार सप्लाई की काफी बड़ी खेप तो बरामद होगी, वहीं हथियार खरीदने वाले भी बेनकाब होंगे।


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