जयपुर: राजस्थान के डीडवाना जिले के मौलासर थाना अंतर्गत नुवां गांव में शनिवार को एक बड़ी दर्दनाक घटना हो गई, जिसमें दो सगी विवाहित बहनों ने अपने दो बच्चों के साथ फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। मृतकों में एक 7 साल की बच्ची और 4 साल का बच्चा भी शामिल है। …
जयपुर: राजस्थान के डीडवाना जिले के मौलासर थाना अंतर्गत नुवां गांव में शनिवार को एक बड़ी दर्दनाक घटना हो गई, जिसमें दो सगी विवाहित बहनों ने अपने दो बच्चों के साथ फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। मृतकों में एक 7 साल की बच्ची और 4 साल का बच्चा भी शामिल है। घटना के बाद दोनों बहनों के परिजनों ने ससुराल पक्ष पर दोनों बहनों को प्रताड़ित करने और उनकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है, जिसके आधार पर पुलिस ने 6 लोगों को डिटेन कर जांच शुरू कर दी है। परिजनों का कहना है कि जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक ना तो पोस्टमार्टम होने देंगे ना ही शव लिए जाएंगे। मृतकों की पहचान नाजिया (32) पत्नी सलाहुद्दीन, साजिया (30) पत्नी लियाकत अली, कनिष्का (7) पुत्री लियाकत अली और आमीर खान (4) पुत्र लियाकत अली के रूप में की गई है।
दरअसल नुवां गांव की रहने वाली दो सगी बहनें नाजिया और साजिया का एक ही परिवार में ससुराल है। दोनों बहने जेठानी और देवरानी हैं। दोनों महिलाओं के पति 4 सालों से विदेश में काम करते हैं। बताया जा रहा है कि लंबे समय से परिवार में गृह क्लेश और पारिवारिक विवाद हो रहा था जिसके बाद कुछ वक्त पहले दोनों बहनों ने ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया गया था। इसके बाद दोनों बहने तनाव में आ गईं और शुक्रवार आधी रात में दोनों बहनों ने अपने दो बच्चों समेत फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
परिजनों को जब घटना का पता चला, तो घर में कोहराम मच गया, वहीं सूचना पर मौलासर पुलिस मौके पर पहुंची और चारों के शवों को फंदे से उतार कर डीडवाना के राजकीय बांगड़ चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया। इस मामले में पुलिस ने मृतक बहनों के परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है. आरोप है कि ससुराल पक्ष के लोग दोनों बहनों को घर के एक कमरे में ही रखते थे। उन्हें मकान के दूसरे हिस्सों में आने जाने की मनाही थी। इसके अलावा उन्हें घर में बार बार मानसिक प्रताड़ना दी जाती थी. संभवत इसी कारण से दोनों बहनों ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।